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UNIT 1: THE MULTIDISCIPLINARY NATURE OF ENVIRONMENTAL STUDIES

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PART - I
ENGLISH

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(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा लोक प्रशासन Paper-2- 2018

UPSC CIVIL SEVA AYOG


संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा

(Download) UPSC IAS Mains Exam 2018

(PUBLIC ADMINISTRATION ) लोक प्रशासन(Paper-2)


Exam Name: UPSC IAS Mains PUBLIC ADMINISTRATION (लोक प्रशासन) (Paper-II)

Marks: 250

Time Allowed: 3 Hours.

खण्ड "A"

Q1. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :

a. “निकट रहने वाली सरकार ही लोगों के लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण सरकार होती है ।” स्थानीय शासन के मूल्यों का विशेष उल्लेख करते हुए, इस कथन पर चर्चा कीजिए ।
b. “वेस्टमिन्सटर मॉडल का तत्त्वविचार भारत की राजनीतिक संस्कृति से मेल नहीं खाता है । समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए
c. “संलग्न कार्यालय और अधीनस्थ कार्यालय मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रकार्यचालन के अविभाज्य अंग होते हैं।” विवेचना कीजिए।
d. यह आशंकित है कि पार्श्विक प्रवेश अधिकारी-तंत्र के राजनीतिकरण की ओर ले जाएगा । क्या आप सहमत हैं ? औचित्य सिद्ध कीजिए।
e. बिना प्रभावी जवाबदेही क्रियाविधियों के कार्यों को ठेके पर दे देना प्रभावी सेवा संप्रदान में उल्टा नुकसानदेह हो सकता है ।” टिप्पणी कीजिए।

Q2. a. “बाज़ार-चालित लाभप्रदता सरोकारों ने सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रमों की नींव को हिला दिया है।” क्या आप सहमत हैं ? कारण दीजिए।
b. यह तर्क दिया जाता है, कि नीति आयोग ने आयोजन के प्रासाद' को टुकड़ों में बाँट दिया है । टिप्पणी कीजिए ।
c. “अनुक्रियात्मक तथा प्रभावी प्रशासन के लिए नागरिक समाज की स्वायत्तता निर्णायक होती है ।” इस कथन का परीक्षण कीजिए।

Q3. a. राज्यों को संसाधनों के नियतन के लिए 15वें वित्त आयोग द्वारा अपनाए गए मानदंडों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए । 10वें वित्त आयोग से अब तक विवाद के मुख्य मुद्दे क्या-क्या रहे हैं ?
b. राज्य विधानमंडल में, गठबंधन के काल में, एक अकेली पार्टी के भ्रांतिजनक बहुमत के साथ, राज्यपाल की भूमिका और भी अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाती है ।” चर्चा कीजिए।
c. “विकास प्रबन्धन जिला स्तर पर स्व-संधारणीय (सेल्फ-सस्टेनिंग) ग्राहक-हितैषी संस्थाओं की वकालत करता है ।” टिप्पणी कीजिए ।

Q4. a. जलवायु परिवर्तन के मुद्दे जिला प्रशासन के अग्रलक्षी होने के लिए नई-नई चुनौतियाँ प्रस्तुत करते हैं ।” विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
b. न्यायिक अतिविस्तार (ओवररीच), एक बड़ी हद तक, निष्प्रभावी कार्यपालिका का एक परिणाम है ।” परीक्षण कीजिए ।
c. “राज्य-संचालित अर्थव्यवस्था से बाज़ार अर्थव्यवस्था में संक्रमण में, भारत को निर्देशात्मक योजनाकरण' पर अधिक आश्रित होना चाहिए ।” क्या आप सहमत हैं ? अपनी स्थिति को स्पष्ट कीजिए ।

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(E-Book) UPSC लोक प्रशासन (Public Administration) हिन्दी Papers

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(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा लोक प्रशासन Paper-1- 2018

UPSC CIVIL SEVA AYOG


संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा

(Download) UPSC IAS Mains Exam 2018

(PUBLIC ADMINISTRATION ) लोक प्रशासन(Paper-1)


Exam Name: UPSC IAS Mains PUBLIC ADMINISTRATION (लोक प्रशासन) (Paper-1)

Marks: 250

Time Allowed: 3 Hours.

खण्ड "A"

Q1. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :

Q1. (a) “लोक प्रशासन की विद्या के विस्तार का निर्धारण, प्रशासनिक तंत्र क्या करता है, के द्वारा किया जाता है ।" क्या इसका अर्थ यह है कि इस विद्या का विस्तार सीमा-हीन है ? व्याख्या करें ।
(b) “मैक्स वेबर के अधिकारितंत्रीय विश्लेषण में, युक्तिसंगतता तथा दक्षता की संकल्पनाएं अंतर्ग्रथित हैं ।" टिप्पणी कीजिए ।
(c) अपने पूर्ववर्ती नवलोक प्रबन्धन की तुलना में नवलोक सेवा उपागम एक सुधार है।” चर्चा कीजिए।
(d) "एक नेता एक जन-विकासक होता है'(नेपोलियन) । अधीनस्थों के विकास के कौन से पक्ष किसी नेता द्वारा सकारात्मक ढंग से प्रभावित किए जा सकते हैं ? चर्चा कीजिए ।
(e) हरबर्ट साइमन की पुस्तक एडमिनिस्ट्रेटिव बिहेवियर लोक प्रशासन के अध्ययन के शास्त्रीय तया व्यवहारवादी उपागमों का संश्लेषण प्रस्तुत करती है ।" समझाएं।

Q2. (a) इवाइट वाल्डो अपनी पुस्तक, द एडमिनिस्ट्रेटिव स्टेट में ज़ोर दे कर उल्लेख करते हैं कि प्रशासनिक थियोरी की जड़ें राजनीतिक यियोरी में स्थित होती हैं । वाल्डो के मत का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(b) नव लोक प्रशासन के द्वारा समर्थित दृश्यप्रपंचशास्त्र (फिनॉमोनोलोजिकल) उपागम ने लोक प्रशासन में यियोरी निर्माण के मार्ग को अवरोधित कर दिया है ।" टिप्पणी करें ।
(c) लोक-निजी सहभागिताओं (PPP) में सार्वजनिक क्षेत्रक केन्द्रित तथा बाज़ार-केन्द्रित परिप्रेक्ष्यों की अत्यावश्यक विशेषताओं पर चर्चा कीजिए तथा दोनों की पारस्परिक तुलना भी कीजिए ।

Q3. (a) "संप्रेषण 'सरकार की तंत्रिकाओं का निरूपण करता है" (कार्ल डायश) । सरकार के अन्दर कार्यरत सम्प्रेषण-तंत्र को किस प्रकार अधिक प्रभावी, संवेदनशील तथा अभिप्रेरक बनाया जा सकता है ?
(b) राजनीतिक तथा प्रशासनिक तंत्रों का सम्बन्ध पारस्परिकता लिए हुए होता है ।" चर्चा कीजिए ।
(c) “एक प्रभावी प्रबन्धन सूचना प्रणाली (एम.आइ. एस.) सफल मुख्यालय-क्षेत्र सम्बन्धों की कन्जी है।'' टिप्पणी करें ।

Q4. (a) “संगठन का प्रकार, सार्वजनिक उद्यम की सफलता को प्रभावित करता है, परंतु प्रकार का चयन हमेशा ही जटिल बना रहा है। विभागों, निगमों, कंपनियों और बोर्डों की तुलनात्मक अच्छाइयों और परिसीमाओं के संदर्भ में, इस कथन पर चर्चा कीजिए । उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
(b) चैस्टर बरनार्ड का योगदान-संतुष्टि संतुलन' का माडल अभी भी संगठनात्मक अभिप्रेरण का एक तर्कसंगत माडल माना जाता है। क्या आप इस क्यन से सहमत हैं ? तर्क दें ।
(c) लोक प्रशासन का राजनीतिक उपागम नागरिकों को निर्वाचित पदधारियों के माध्यम से प्रतिनिधिकता, राजनीतिक संवेदनशीलता तथा जवाबदेहिता के मूल्यों पर बल देता है ।" (डेविड एच. रोज़ेनब्लूम) । टिप्पणी कीजिए ।

 

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Introduction .............................................................................................1

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(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा 2018 - मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन-हिंदी भाषा (Hindi Language)

UPSC CIVIL SEVA AYOG


(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा 2018 - मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन-हिंदी भाषा


Q1. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 600 शब्दों में निबन्ध लिखिए :

(a) लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका
(b) पर्यावरण और आत्मनिर्भरता
(c) भूमंडलीकरण में भाषा की भूमिका
(d) भारतीय अर्थव्यवस्था और उसकी चुनौतियाँ

Q2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उसके आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट, सही और संक्षिप्त भाषा में दीजिए :

संसार का ध्यान गाँधी जी की ओर इसलिए आकृष्ट हुआ कि उन्होंने पशु-बल के समक्ष आत्म-बल का शस्त्र निकाला, तोपों और मशीन-गनों का सामना करने के लिए अहिंसा का आश्रय लिया। किन्तु सोचने की बात यह है कि अहिंसा का आश्रय उन्होंने क्यों लिया? क्या इसलिए कि अंग्रेज़ों के विरुद्ध हिंसा का आश्रय लेकर वे भारत को स्वाधीन नहीं कर सकते थे? अथवा इसलिए कि मानव-समाज को वे यह शिक्षा देना चाहते थे कि मनुष्य जब तक पाशविक साधनों का प्रयोग करने को बाध्य है, तब तक वह पूरा मनुष्य कहलाने का अधिकारी नहीं हो सकता? पहली बात अहिंसा को कमज़ोर एवं निरुपाय व्यक्ति का साधन बताती है, जिसका अर्थ यह होता है कि तोपें जब हमारे पास नहीं हैं, तब सत्याग्रह ही सही। किन्तु दूसरी बात अहिंसा को मनुष्य के विकास का साधन बनाती है, उसके रूप को निर्मल बनाने का उपाय सिद्ध करती है।

यह सच है कि गाँधी जी के नेतृत्व में जब भारतवासी ब्रिटेन से संघर्ष कर रहे थे, तब उनमें से अधिकांश का यही भाव था कि अहिंसा साधन भर है, जिसको अवलंब हमने इसलिए लिया है।कि हिंसक साधनों से अंग्रेज़ों का सामना करने की हमें सुविधा और सुयोग नहीं है। किन्तु स्वयं गाँधी जी इस विचार को नहीं मानते थे। अहिंसा को गंवाकर वे भारत को स्वाधीन करने के पक्षपाती नहीं थे। भारतीय स्वाधीनता बहुत बड़ा लक्ष्य थी, उससे भी बड़ा ध्येय मानव-स्वभाव में परिवर्तन लाना था, मनुष्य को यह विश्वास दिलाना था कि जिन ध्येयों की प्राप्ति के लिए वह पाशविक साधनों का सहारा लेता है, वे ध्येय मानव-मूल्यों से भी प्राप्त किए जा सकते हैं।

गाँधी जी का मुख्य उद्देश्य न केवल अपने देशवासियों के कष्टों का निवारण, प्रत्युत मनुष्य के पाशवीकरण का अवरोध भी था घृणा, क्रोध और आवेग, ये पशुओं को ही होते हैं और वे भी अपने प्रतिपक्षी का सामना उन शस्त्रों से करते हैं।लेकिन मनुष्य पशु से भिन्न है, अतएव उचित है।कि वह अपने आवेगों पर नियंत्रण लगाए और अपने दैनिक जीवन की समस्याओं के सुलझाने में उन उपायों से काम ले, जो पशुओं के लिए दुर्लभ, किन्तु मनुष्य के लिए सुलभ हैं। प्रश्न उठता है।कि गाँधी जी ने ऐसा निश्चय क्यों किया? और अहिंसा का यह प्रयोग किसी अन्य देश में आरंभ न होकर भारत में ही क्यों आरंभ हुआ? बहुत से लोग इस प्रश्न को यह कहकर टाल देंगे कि यह आकस्मिक बात थी। किन्तु आकस्मिक बात यह थी नहीं। कहते हैं, सत्याग्रह अथवा सविनय अवज्ञा की कल्पना अमेरिका के चिंतक धुरो ने भी की थी और इसकी थोड़ी-बहुत झलक रूस के संत साहित्यकार टॉलस्टॉय, को भी मिल चुकी थी। गाँधी जी थुरो और टॉलस्टॉय, दोनों के ही विचारों से परिचित थे। अपने देश में भी गाँधी जी से पूर्व, अरविन्द सविनय अवज्ञा और असहयोग का सुझाव देश के सामने रख चुके थे।

फिर महत्त्वपूर्ण सवाल है कि इसका प्रयोग सबसे पहले भारत ने ही क्यों किया? उत्तर स्पष्ट है कि आत्म-बल शारीरिक बल से श्रेष्ठ है, इस सत्य को जितना भारतवासी जानते थे, उतना अन्य देशों के लोग नहीं। थुरो, टॉलस्टॉय अथवा एमर्सन और रोम्या रोल में इस प्रकार की जब भी कोई भावना जगी, तब उसके पीछे भारतीय दर्शन की उत्तेजना काम कर रही थी। सविनय अवज्ञा की कल्पना तक जाने का दर्शन इस देश में विद्यमान था और इस कल्पना तक वही व्यक्ति जा सकता था जो या तो भारतीय विचारधारा से प्रभावित हो अथवा अनायास उस प्रकार की चिंतन-पद्धति पर आ गया हो जो भारत की पद्धति रही है।थुरो और टॉल्स्टॉय के संबंध में दोनों ही विकल्प संभव रहे होंगे। रह गए अरविन्द, सो वे भारतीय थे ही।

(a) संसार का ध्यान गाँधी जी की ओर किसलिए आकृष्ट हुआ?
(b) स्वाधीनता-प्राप्ति के लिए गाँधी जी द्वारा अहिंसा को ही क्यों मुख्य साधन माना गया?
(c) लेखक ने मनुष्य और पशु में क्या अंतर बताया है?
(d) अहिंसा का प्रयोग भारत में ही क्यों आरंभ हुआ?
(e) सविनय अवज्ञा की कल्पना तक कौन जा सकता था?

Q3. निम्नलिखित अनुच्छेद का सारांश लगभग एक-तिहाई शब्दों में लिखिए। इसका शीर्षक लिखने की आवश्यकता नहीं है। सारांश अपने शब्दों में ही लिखिए।

आज के आधुनिक मनुष्य को इतिहास और समय के नियमों-कानूनों का जितना ज्ञान है, उतना शायद पहले किसी युग में प्राप्त नहीं था। असली अर्थ में वह ऐतिहासिक मनुष्य है।एक तरह से इतिहास-बोध ही आधुनिकता का पर्याय मान लिया गया है। मध्यकालीन संस्कृति में धर्म का जो केन्द्रीय स्थान था, उसने धीरे-धीरे पीछे हटते हुए अपनी जगह इतिहास को समर्पित कर दी है।मनुष्य प्रकृति के परिवेश में नहीं, इतिहास के संदर्भ में जीता है - इस संदर्भ में हर घटना पिछली घटना से नयी है, जो अब हो रहा है वह पहले कभी नहीं हुआ।मनुष्य के क्रमिक विकास का यह बोध प्राचीन यूनानियों के लिए अजनबी और पराया था।भारतीय मनीषियों के लिए भी यह उतना ही अजनबी था।वे समय को विकास के रूप में नहीं, चक्र के रूप में देखते थे।पहले परपरा मनुष्य के भीतर थी, जो उसकी जीवन-शैली को अनशासित करती थी, अब इतिहास के भविष्य को निर्धारित करता है और परंपरा खोजने के लिए उसे पीछे की ओर देखना पड़ता है।

किन्तु यह बात सच है कि इतिहास का जो प्रभुत्व आज हमारे जीवन में है वह पहल नहीं था, वहाँ यह बात भी उतनी ही सत्य है कि मनुष्य आज समय और इतिहास से परेशान हो। उन्नीसवीं शती में सार्वभौमिक सत्ता से संपन्न जो इतिहास-बोध मनुष्य की प्रगति और मुक्ति का संदेश लाया था, वह हमारे समय तक आते-आते अपनी ही क्रूर पेरोडी में परिवर्तित होता दिखाई देता है। भविष्य को निर्धारित करने वाले नियम, कानून, फार्मूले अब भी हैं किन्तु उन पर बीसवीं शताब्दी के अत्याचारों और मोहभंग का इतना गहरा प्रभाव है कि वे भविष्य के बंद कमरों में कहीं फिट नहीं है।पाते। कैसा है यह वैज्ञानिक, तर्कशील, गौरवपूर्ण अर्थबोध, जिसने आज मनुष्य को स्वयं अपने ही भविष्य के प्रति इतना अरक्षित, आतंकित और अनाश्वस्त बनाकर छोड़ दिया है?
यह नहीं कि हम मानव भविष्य के बारे में जानते नहीं। आज के आधुनिक मनुष्य ने इतिहास-बोध से उत्प्रेरित होकर भविष्य के बारे में जो परिकल्पना और संभावना खोजी हैं, उनके आधार पर संपूर्ण भविष्य की पूरी एक रसायन शाला बनायी जा सकती है।किन्तु इस भविष्य का वर्तमान की विभीषिका से कोई संबंध नहीं, बल्कि यूँ कहें, वर्तमान की विभीषिका से बचने के लिए ही इस ऐतिहासिक भविष्य का निर्माण किया गया है - वह चाहे वर्गहीन समाज का स्वप्न हो या कम्प्यूटर-निर्धारित 'रोबो' का यंत्रलोक, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। हम वास्तविक समय में नहीं, एक काल्पनिक समय में जीते हैं - और विचित्र बात यह है कि इस भविष्य में मनुष्य की मृत्यु को देश-निकाला दे दिया गया है क्योंकि स्वयं अपनी मृत्यु से भयभीत होकर हमने भविष्यलोक में शरण ली है।
यह आधुनिक युग की विचित्र विडंबना मानी जाएगी कि एक तरफ़ आज का मनुष्य इतिहास-बोध' से आक्रांत है, दूसरी तरफ़ मृत अतीत और काल्पनिक भविष्य के बीच स्वयं इतिहास की जीवंत धारा सूख गयी है। जिस तरह नदी में डूबता आदमी पानी से रिश्ता नहीं जोड़ पाता उसी तरह इतिहास में डूबा मनुष्य समय का मर्म नहीं जान सकता। वह इतिहास से प्रभावित हो सकता है, किन्तु उसे अपने जीवन और मृत्यु का साक्षी नहीं बना सकता; वह इतिहास जो इस धरती पर मनुष्य का साक्षी न बन सके, उसका क्या अर्थ रह जाता है? यही कारण है कि आज इतिहास-बोध आधुनिक मनुष्य का अंधविश्वास बनकर रह गया है जिसके पास वह भविष्य का अर्थ टटोलने नहीं, वर्तमान से छुटकारा पाने जाता है।

किन्तु क्या हम वर्तमान से छुटकारा पा सकते हैं? क्या वर्तमान ही ऐसा केन्द्रविन्टनी। जहाँ मनुष्य अपनी नश्वरता के बावजूद इतिहास में अपनी संपूर्ण स्थिति को समझने योग्य है, उनके एक तरफ तो मनुष्य नश्वर है दूसरी ओर वह इतिहास में जीवित है। यह नियति उसके अतीत से सम्बन्ध रखती है, किन्तु उसके साथ वह मनुष्य के समग्र भविष्य को भी आलो करती है जिसमें दूसरे लोगों की नियति भी जुड़ी है।
निम्नलिखित गद्यांश का अंग्रेज़ी में अनुवाद कीजिए :

वर्तमान युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है। विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नवीन आविष्कारा मानव जाति को जिन विस्मयकारी उपलब्धियों से संपन्न बनाया है, उनमें सूचना तकनीक प्रमुख है विश्व के किसी भी कोने में बैठकर आज हम वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से कहीं से भी कोई भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं।सूचना प्राप्ति की इस सुविधा ने देशों की दूरियाँ समाप्त अब लगता है कि संपूर्ण संसार सिमटकर हमारी मुट्ठी में आ गया है।वैसे भी वैश्वीकरण' और
‘वसुधैव कुटंबकम्’ की अवधारणा वैज्ञानिक प्रगति के इस युग में तेज़ी-से फलीभूत होता त्र रही है।

आज हम उस युग को याद करें जब डाक भेजने की उपयुक्त व्यवस्था नहीं थी। सूचनाओं का आदान-प्रदान संदेशवाहकों द्वारा होता था। इस काम में लंबा समय लगता था।उस समय तक जीवन कितना कठिन रहा होगा इसका सहज अनुमान लगाना आज आसान नहीं है। समय ने करवट ली और सूचना के क्षेत्र में नित्य नए प्रयोग होने लगे। डाक-तार, टेलीफ़ोन, टेलीग्राम आदि की व्यवस्था की गयी। पत्रों द्वारा संदेश पहुँचने लगे। जीवन में गति आयी तथा रेडियो और टेलीविज़न ने इस दिशा में कदम बढ़ाए। कम्प्यूटर के आगमन के साथ ही सूचना जगत में क्रांति का सूत्रपात हो गया। इंटरनेट के विकास के बाद सारे कम्प्यूटर आपस में जुड़ गए तथा त्वरित संप्रेषण में और भी आसानी हो गयी। सूचना जगत में नए-नए परिवर्तन आ रहे हैं तथा नवीन से नवीन जानकारी तुरंत मिल जाती है।आज मनुष्य अपने किसी उत्पाद का विज्ञापन संपूर्ण विश्व में कहीं भी आसानी से कर सकता है। वह पारंपरिक हथियारों से लड़े बिना युद्ध कर सकता है। लगभग सभी घरों और कार्यालयों में आज कम्प्यूटर और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है जिसकी सहायता से हवाई जहाज, रेल, बस और सिनेमा आदि के टिकट आसानी से बुक किए जा सकते हैं। आरक्षण की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।सड़क यातायात की हालत का पता लगाया जा सकता है। आज मोबाइल पर इंटरनेट के माध्यम से सब-कुछ घर बैठे प्राप्त किया जा सकता है। सचमुच संवाद और सूचना संप्रेषण का यह सबसे सस्ता साधन है।

निम्नलिखित गद्यांश का हिन्दी में अनुवाद कीजिए :

Democracy stands much superior to any other form of government in promoting dignity and freedom of the individual. Every individual wants to receive respect from fellow beings. Often conflicts arise among individuals because some feel that they are not treated with due respect. The passion for respect and freedom are the basis of democracy, Democracies throughout the world have recognised this, at least in principle. This has been achieved in various degrees in various democracies. For societies which have been built for long on the basis of subordination and domination, it is not a simple matter to recognise that all individuals are equal.
Take the case of dignity of women. Most societies across the world were historically male dominated societies. Long struggles by women have created some sensitivity today that respect to and equal treatment of women are necessary ingredients of a democratic society. That does not mean that women are actually always treated with respect. But once the principle is recognised, it becomes easier for women to wage a struggle against what is now unacceptable legally and morally.

(a) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए:

(i) उड़ती चिड़िया पहचानना
(ii) नाकों चने चबवाना
(iii) छाती पर मूंग दलना
(iv) सेमल का फूल होना
(v) पौ बारह होना

(b) निम्नलिखित वाक्यों के शुद्ध रूप लिखिए :

(i) आप अपना काम स्वयं कर लो।
(ii) मुझे भगवान पर आत्मविश्वास है।
(iii) इस गीत की दो-चार लड़ियाँ सुना दो।
(iv) मेरे को खाना दे दीजिए।
(v) वे इस ज़िले के धनी व्यक्ति है।

(c) निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची लिखिए :

(i) बादल
(ii) जीभ
(iii) अमृत
(iv) सूर्य
(v) परिवार

(d) निम्नलिखित युग्मों का इस तरह से वाक्य में प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ एवं अंतर स्पष्ट हो जाए।

(i) नीरज – नीरद
(ii) अवलंब - अविलंब
(iii) अन्न – अन्य
(i) अनल – अनिल
(iv) उपयुक्त - उपर्युक्त

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(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा 2018 - मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन (GS) Paper-4, नीति,अखंडता एवं अभिक्षमता

UPSC CIVIL SEVA AYOG

संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा

 



(Download) UPSC Mains 2018 General Studies Question Paper: 
सामान्य अध्ययन-IV (नीति,अखंडता एवं अभिक्षमता) 
 



Exam Name: UPSC IAS Mains General Studies (Paper-4)

Year: 2018

​​​​​SECTION A

 

Q1.

(a) सिविल सेवाओं के संदर्भ में सार्विक प्रकृति के, तीन आधारभूत मूल्यों का कथन कीजिए और उनके महत्त्व को उजागर कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

(b) उपयुक्त उदाहरणों सहित “सदाचार-संहिता” और “आचार-संहिता” के बीच विभेदन कीजिये. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए) 

Q2.

(a) लोकहित से क्या अभिप्राय है? सिविल कर्मचारियों द्वारा लोकहित में कौन-कौन से सिद्धांतों और कार्यविधियों का अनुसरण करना चाहिए? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

(b) “सूचना का अधिकार अधिनियम नागरिकों के सशक्तिकरण के बारे में ही नहीं है, अपितु यह आवश्यक रूप से जवाबदेही की संकल्पना को पुनः परिभाषित करता है.” विवेचना कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

Q3.

(a) हित-विरोधिता से क्या तात्पर्य है? वास्तविक और सम्भावित हित-विरोधिताओं के बीच के अंतर को उदाहरणों द्वारा स्पष्ट कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

(b) “नियुत्ति के लिए व्यक्तियों की खोज करते समय आप तीन गुणों को खोजते हैं : सत्यनिष्ठता, बुद्धिमत्ता और ऊर्जा. यदि उनमें पहला गुण नहीं है, तो अन्य दो गुण आपको समाप्त कर देंगे.” – वॉरेन बफेट.

वर्तमान परिदृश्य में इस कथन सेआप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

Q4.

(a) “अच्छा कार्य करने में, वह सब कुछ अनुमत होता है जिसको अभिव्यक्ति के द्वारा या स्पष्ट निहितार्थ के द्वारा निषिद्ध न किया गया हो.” एक लोक सेवक द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन के सम्बन्ध में, इस कथन का उपयुक्त उदाहरणों सहित परीक्षण कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

(b) कार्यवाहियों की नैतिकता के सम्बन्ध में एक दृष्टिकोण तो यह है, कि साधन सर्वोपरि महत्त्व के होते हैं और दूसरा दृष्टिकोण यह है कि परिणाम साधनों को उचित सिद्ध करते हैं. आपके विचार में इनमें से कौन-सा दृष्टिकोण अपेक्षाकृत अधिक उपयुक्त है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क पेश कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

Q5.

(a) मान लीजिए कि भारत सरकार एक ऐसी पर्वतीय घाटी में एक बाँध का निर्माण करने की सोच रही है, जो जंगलों से घिरी है और जहाँ नृजातीय समुदाय रहते हैं. अप्रत्याशित आकस्मिकताओं से निपटने के लिए सरकार को कौन-सी तर्कसंगत नीति का सहारा लेना चाहिए? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

(b) लोक प्रशासन में नैतिक दुविधाओं का समाधान करने के प्रक्रम को स्पष्ट कीजिए.

Q6. वर्तमान संदर्भ में निम्नलिखित में से प्रत्येक उद्धरण का आपके विचार से क्या अभिप्राय है?

  • (a) “किसी भी बात को स्वीकार करने या अस्वीकार करने का निर्धारण करने में सही नियम यह नहीं है कि उसमें कोई बुराई है या नहीं; बल्कि यह है कि उसमें अच्छाई से अधिक बुराई है. ऐसे बहुत कम विषय होते हैं जो पूरी तरह बुरे या अच्छे होते हैं.  लगभग सभी विषय, विशेषकर सरकारी नीति से सम्बंधित, अच्छाई और बुराई दोनों के अविच्छेदनीय योग होते हैं; ताकि इन दोनों के बीच प्रधानता के बारे में हमारे सर्वोत्तम निर्णय की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है.” – अब्राहम लिंकन (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
  • (b) “क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के शत्रु हैं” – महात्मा गाँधी (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
  • c) “असत्य भी सत्य का स्थान ले लेता है यदि उसका परिणाम निष्कलंक सार्वजनिक कल्याण हो.”- तिरुक्कुरल (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

​​​​​SECTION B

Q7. राकेश जिला स्तर का एक जिम्मेदार अधिकारी है, जिस पर उसके उच्च अधिकारी भरोसा करते हैं. उसकी ईमानदारी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल योजना के लाभार्थियों की पहचान करने का दायित्व सौंपा है.

लाभार्थी होने के लिए निम्नलिखित कसौटियाँ हैं :

  • (अ) 60 वर्ष की या उससे अधिक आयु हो.
  • (ब) किसी आरक्षित समुदाय से सम्बंधित हो.
  • (स) परिवार की वार्षिक आय एक लाख रु. से कम हो.
  • (द) इलाज के बाद लाभार्थी के जीवन की गुणवत्ता में सकारात्मक अंतर होने की प्रबल संभावना हो.

एक दिन एक वृद्ध दम्पत्ति राकेश के कार्यालय में योजना के लाभ के लिए आवेदन-पत्र ले कर आया. वे उसके जिले के एक गाँव में जन्म से रहते आये हैं. वृद्ध व्यक्ति की बड़ी आँत में एक ऐसे विरले विकार का पता लगा जिससे उसमें रुकावट पैदा होती है. परिणामस्वरूप, उसके पेट में बार-बार तीव्र पीड़ा होती है जिससे वह कोई शारीरिक श्रम नहीं कर सकता है. वृद्ध व्यक्ति की देख-रेख करने के लिए कोई सन्तान नहीं है. एक विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक, जिससे वे मिले हैं, बिना फीस के उनकी शल्य चिकित्सा करने को तैयार है. फिर भी, उस वृद्ध दम्पत्ति को आकस्मिक व्यय, जैसे दवाइयाँ, अस्पताल का खर्च, आदि जो लगभग 1 लाख रु. होगा, स्वयं ही वहन करना पड़ेगा. दम्पत्ति मानक “ब” के अलावा योजना का लाभ प्राप्त करने की सारी कसौटियाँ पूरी करता है. फिर भी, किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता निश्चित तौर पर उनके जीवन की गुणवत्ता में काफी अंतर पैदा करेगी. राकेश को इस परिस्थिति में क्या अनुक्रिया करनी चाहिए? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

Q8. अपने मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते आपकी पहुँच महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों तथा आने वाली बड़ी घोषणाओं, जैसे सड़क निर्माण परियोजनाएँ, तक जनता के अधिकार-क्षेत्र में जाने से पहले हो जाती है. मंत्रालय एक बड़ी सड़क निर्माण योजना की घोषणा करने वाला है जिसके लिए खाके तैयार हो चुके हैं. नियोजकों ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि सरकारी भूमि का अधिक-से-अधिक उपयोग किया जाए ताकि निजी भूमि का कम-से-कम अधिग्रहण करना पड़े. निजी भूमि के मालिकों के लिए क्षतिपूर्ति की दरें भी सरकारी नियमों के अनुसार निर्धारित कर ली गई हैं. निर्वनीकरण कम-से-कम हो इसका भी ध्यान रखा गया है. ऐसी आशा है कि परियोजना की घोषणा होते ही उस क्षेत्र और आसपास के क्षेत्र की भूमि की कीमतों में भारी उछाल आएगी.

इसी बीच, सम्बंधित मंत्री ने आपसे आग्रह किया कि सड़क का पुनः संरेखण इस प्रकार किया जाए जिससे सड़क मंत्री के 20 एकड़ के फ़ार्म हाउस के पास से निकले. इसके साथ मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि वह आपकी पत्नी के नाम, प्रस्तावित बड़ी सड़क परियोजना के आसपास एक बड़ा भूखंड प्रचलित दरों पर जो कि नाममात्र की हैं, क्रय करने में सहायता करेंगे. मंत्री ने आपको यह भी विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि इसमें कोई नुकसान नहीं है क्योंकि भूमि वैधानिक रूप से खरीदी जा रही है. वह आपसे यह भी वादा करता है कि यदि आपके पास पर्याप्त धनराशि नहीं है, तो उसकी पूर्ति में भी आपकी सहायता करेगा. लेकिन सड़क के पुनःसंरेखण में बहुत-सी कृषि-योग्य भूमि का अधिग्रहण करना पड़ेगा, जिससे सरकार पर काफी वित्तीय भार पड़ेगा, तथा किसान भी विस्थापित होंगे. केवल यह ही नहीं, इसके चलते बहुत सारे पेड़ों को भी कटवाना पड़ेगा, जिससे पूरे क्षेत्र का हरित आवरण समाप्त हो जाएगा.

इस परिस्थिति का सामना होने पर आप क्या करेंगे? विभिन्न प्रकार के हित-द्वन्द्वों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए तथा स्पष्ट कीजिए कि एक लोक सेवक होने के नाते आपके क्या दायित्व हैं? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

Q9. यह एक राज्य है जिसमें शराबबंदी लागू है. अभी-अभी आपको इस राज्य के एक ऐसे जिले में पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है जो अवैध शराब बनाने के लिए कुख्यात है. अवैध शराब से बहुत मौतें हो जाती हैं, कुछ रिपोर्ट की जाती हैं और कुछ नहीं, जिससे जिला अधिकारियों को बड़ी समस्या होती है.

अभी तक इसे कानून और व्यवस्था की समस्या के दृष्टिकोण से देखा जाता रहा है और उसी तरह इसका सामना किया जाता रहा है. छापे, गिरफ्तारियाँ, पुलिस के मुक़दमे, आपराधिक मुक़दमे – इन सभी का केवल सीमित प्रभाव रहा है. समस्या हमेशा की तरह अभी भी गंभीर बनी हुई है.

आपके निरीक्षणों से पता चलता है कि जिले के जिन क्षेत्रों में शराब बनाने का कार्य फल-फूल रहा है, वे आर्थिक, औद्योगिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं. अपर्याप्त सिंचाई सुविधाओं का कृषि पर बुरा प्रभाव पड़ता है. विभिन्न समुदायों के बार-बार होने वाले टकराव अवैध शराब निर्माण को बढ़ावा देते हैं. अतीत में लोगों के हालात में सुधार लाने के लिए न तो सरकार के द्वारा और न ही सामाजिक संगठनों के द्वारा कोई महत्त्वपूर्ण पहलें की गई हैं.

समस्या को नियंत्रित करने के लिए आप कौन-सा नया उपागम अपनाएँगे? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

Q10. एक बड़ा औद्योगिक परिवार बड़े पैमाने पर औद्योगिक रसायनों के उत्पादन में संलग्न है. यह परिवार एक अतिरिक्त इकाई स्थापित करना चाहता है. पर्यावरण पर दुष्प्रभाव के कारण उनके राज्यों ने इसके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. किन्तु एक राज्य सरकार ने, सारे विरोध को दरकिनार करते हुए, औद्योगिक परिवार की प्रार्थना को स्वीकार कर लिया और एक नगर के समीप इकाई स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी.

इकाई को 10 वर्ष पूर्व स्थापित कर दिया था और अभी तक बहुत सुचारू रूप से चल रही थी. औद्योगिक बहि:स्रावों से पैदा हुए प्रदूषण से क्षेत्र में भूमि, जल और फसलों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा था. इससे मनुष्यों तथा पशुओं में गंभीर स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ भी आ रही थीं. परिणामस्वरूप, इकाई को बंद करने की माँग को लेकर शृंखलाबद्ध आन्दोलन होने लगे. अभी-अभी एक आन्दोलन में हजारों लोगों ने भाग लिया जिससे पैदा हुई गंभीर कानून और व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए पुलिस को सख्त कदम लेने पड़े. जनाक्रोश के पश्चात् राज्य सरकार ने फैक्ट्री को बंद करने का आदेश दे दिया.

फैक्ट्री के बंद होने के परिणामस्वरूप न केवल वहाँ काम करने वाले श्रमिक ही बेरोजगार हुए अपितु सहायक इकाईयों के कामगार भी बेरोजगार हो गए. इससे उन उद्योगों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा जो उस इकाई द्वारा उत्पादित रसायनों पर निर्भर थे.

इस मुद्दे को सँभालने के उत्तरदायित्व सौंपे गए एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते, आप इस उत्तरदायित्व का निर्वहन किस प्रकार करेंगे? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

Q11. डॉ. “एक्स” शहर के एक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं. उन्होंने एक धर्मार्थ न्यास स्थापित कर लिया है जिसके माध्यम से समाज के सभी वर्गों की स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, वे एक उच्च-विशेषज्ञता अस्पताल स्थापित करना चाहते हैं. संयोग से, राज्य के उस क्षेत्र की वर्षों से उपेक्षा रही है. प्रस्तावित अस्पताल उस क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा.

आप उस क्षेत्र की कर अन्वेषण इकाई के प्रमुख हैं. डॉक्टर के क्लिनिक के निरीक्षण के दौरान आपके अधिकारियों को कुछ बड़ी अनियमितताएँ ज्ञात हुई हैं. उनमें से कुछ बहुत गंभीर हैं जिनके कारण बड़ी मात्रा में करों से प्राप्त धनराशि रुकी रही, जिसकी भुगतान डॉक्टर को अब करना चाहिए. डॉक्टर सहयोग के लिए तैयार है. वे तुरंत कर की राशि को अदा करने का वायदा करते हैं.

लेकिन उनके कर भुगतान में कुछ और भी खामियाँ हैं जो पूर्ण रूप से तकनीकी हैं. यदि अभिकरण द्वारा इन तकनीकी खामियों का पीछा किया जाता है, तो डॉक्टर का बहुत सारा समय और उसकी ऊर्जा कुछ ऐसे मुद्दों की तरफ मुड़ जायेगी जो न तो बहुत गंभीर है, न ही आवश्यक और न ही कर भुगतान कराने में सहायक हैं. इसके अतिरिक्त, पूरी संभावना है कि इसके कारण अस्पताल के खोले जाने की प्रक्रिया भी बाधित होगी.

आपके समक्ष दो विकल्प हैं –

  • (i) व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए, आधिकारिक कर भुगतान अनुपालन सुनिश्चित करें और ऐसी कमियों को नजरंदाज करें जो केवल तकनीकी प्रकृति की हों.
  • (ii) मामले को सख्ती से देखें और सभी पहलुओं पर आगे बढ़ें, चाहे वे गंभीर हों या केवल तकनीकी.

कर अभिकरण के प्रमुख होने के नाते, आप कौन-से कार्य दिशा का विकल्प अपनाएँगे और क्यों? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

Q12. एडवर्ड स्नोडन, एक कंप्यूटर विशेषज्ञ तथा सी.आई.ए. के पूर्व व्यवस्था प्रशासक, ने सरकार की निगरानी कार्यक्रमों के अस्तित्व के बारे में गोपनीय सरकारी दस्तावेजों का खुलासा प्रेस को कर दिया. अनेक विधि विशेषज्ञों और अमेरिकी सरकार के अनुसार, उसके इस कार्य से गुप्तचर्या अधिनियम 1917 का उल्लंघन हुआ है, जिसके अंतर्गत राज्य गुप्त बातों का सार्वजनीकरण राजद्रोह माना जाता है. इसके बावजूद कि स्नोडन ने कानून तोड़ा था, उसने तर्क दिया कि ऐसा करना उसका एक नैतिक दायित्व था. उसने अपने “जानकारी सार्वजनिक करने को (व्हिसल ब्लोइंग)” यह कह कर उचित ठहराया कि “जनता को यह सूचना देना कि उसके नाम पर क्या किया जाता है और उसके विरुद्ध क्या किया जाता है”, बताना उसका कर्तव्य है.

स्नोडन के अनुसार, सरकार द्वारा निजता के उल्लंघन को वैधानिकता की परवाह किये बिना उसको उजागर करना चाहिए क्योंकि इसमें सामाजिक क्रिया और सार्वजनिक नैतिकता के अधिक महत्त्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं. अनेक व्यक्ति स्नोडन से सहमत थे. केवल कुछ ने यह तर्क दिए कि स्नोडन ने कानून तोड़ा है और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है, जिसके लिए उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

क्या आप इससे सहमत हैं कि स्नोडन का कार्य कानूनी रूप से प्रतिबंधित होते हुए भी नैतिकता की दृष्टि से उचित था? क्यों या क्यों नहीं? इस विषय में परस्पर स्पर्धी मूल्यों को तोलते हुए अपना तर्क दीजिए. (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)

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संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा

 



(Download) UPSC Mains 2018 General Studies Question Paper: 
सामान्य अध्ययन-III (प्रौद्यौगिकी,आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन) 



Exam Name: UPSC IAS Mains General Studies (Paper-3)

Year: 2018

  1. “वहनीय (एफोर्डेबल), विश्वसनीय, धारणीय तथा आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच संधाराणीय (सस्टेनबल) विकास लक्ष्यों (एस० डी० जी०) को प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है.” भारत में इस सम्बन्ध में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  2. केन्द्रीय बजट, 2018-19 में दीर्घकालिक पूँजी अभिलाभ कर तथा लाभांश वितरण कर के सम्बन्ध में प्रारम्भ किये गए महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों पर टिप्पणी कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  3. न्यूनतम समर्थन मूल्य से आप क्या समझते हैं? न्यूनतम समर्थन मूल्य कृषकों का निम्न आय फंदे से किस प्रकार बचाव करेगा? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  4. फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों के आपूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन में सुपरबाजारों की भूमिका की जाँच कीजिए. वे बिचौलियों की संख्या को किस प्रकार खत्म कर देते हैं? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  5. प्रो. सत्येन्द्र नाथ बोस द्वारा किये गए ‘बोस-आइन्सटाइन सांख्यिकी’ के कार्य पर चर्चा कीजिए और दर्शाइए कि इसने किस प्रकार भौतिकी के क्षेत्र में क्रान्ति ला दी. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  6. निरंतर उत्पन्न किये जा रहे फेंके गए ठोस कचरे की विशाल मात्राओं का निस्तारण करने में क्या-क्या बाधाएं हैं? हम अपने रहने योग्य परिवेश में जमा होते जा रहे जहरीले अपशिष्टों को सुरक्षित रूप से किस प्रकार हटा सकते हैं? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  7. आर्द्रभूमि क्या है? आर्द्रभूमि संरक्षण के सन्दर्भ में ‘बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग’ की रामसर संकल्पना को स्पष्ट कीजिए. भारत से रामसर स्थलों के दो उदाहरणों का उद्धरण कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  8. सिक्किम भारत में ‘जैविक राज्य’ है. जैविक राज्य के पारिस्थितिकी एवं आर्थिक लाभ क्या-क्या होते हैं? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  9. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे(सी० पी० ई० सी०) को चीन की अपेक्षाकृत अधिक विशाल ‘एक पट्टी एक सड़क’ पहल के एक मूलभूत भाग के रूप में देखा जा रहा है. सी० पी० ई० सी० का संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत कीजिए और भारत द्वारा उससे किनारा करने के कारण गिनाइए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  10. वामपंथी उग्रवाद में अधोमुखी प्रवृत्ति दिखाई दे रही है, परन्तु अभी भी देश के अनेक भाग इससे प्रभावित हैं. वामपंथी उग्रवाद द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों का विरोध करने के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए. (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)  10 Marks

  11. भारत में नीति आयोग द्वारा अनुसरण किये जा रहे सिद्धांत इससे पूर्व के योजना आयोग द्वारा अनुसरित सिद्धांतों से किस प्रकार भिन्न हैं? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)  15 Marks

  12. विश्व व्यापार में संरक्षणवाद और मुद्रा चालबाजियों की हाल की परिघटनाएँ भारत की समष्टि-आर्थिक स्थिरता को किस प्रकार से प्रभावित करेंगी? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)  15 Marks

  13. बाग़वानी फार्मों के उत्पादन, उसकी उत्पादकता एवं आय में वृद्धि करने में राष्ट्रीय बाग़वानी मिशन (एन० एच० एम०) की भूमिका का आकलन कीजिए. यह किसानों की आय बढ़ाने में कहाँ तक सफल हुआ है? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)  15 Marks

  14. गत वर्षों में कुछ विशेष फसलों पर जोर ने सस्यन पैटर्नों में किस प्रकार परिवर्तन ला दिए हैं? मोटे अनाजों (मिलटों) के उत्पादन और उपभोग पर बल को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए. (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)  15 Marks

  15. क्या कारण है कि हमारे देश में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अत्यधिक सक्रियता है? इस सक्रियता ने बायोफार्मा के क्षेत्र को कैसे लाभ पहुँचाया है? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)  15 Marks

  16. ऊर्जा की बढ़ती हुई जरूरतों के परिप्रेक्ष्य में क्या भारत को अपने नाभकीय ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार कर जारी रखना चाहिए? नाभकीय ऊर्जा से सम्बंधित तथ्यों एवं भयों की विवेचना कीजिए.  15 Marks

  17. भारत में जैव विविधता किस प्रकार अलग-अलग पाई जाती है? वनस्पतिजात और प्राणिजात के संरक्षण में जैव विविधता अधिनियम, 2002 किस प्रकार सहायक है? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)  15 Marks

  18. भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डी० आर० आर०) के लिए ‘सेंडाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रारूप (2015-2030)’ हस्ताक्षरित करने से पूर्व एवं उसके पश्चात् किये गए विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए. यह प्रारूप ‘ह्योगो कार्रवाई प्रारूप, 2005’ से किस प्रकार भिन्न है? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)  15 Marks

  19. अंकीयकृत (डिजीटाइज्ड) दुनिया में बढ़ते हुए साइबर अपराधों के कारण डाटा सुरक्षा का महत्त्व बहुत बढ़ गया है. जस्टिस बी.एन. श्रीकृष्णा समिति रिपोर्ट में डाटा की सुरक्षा से सम्बंधित मुद्दों पर सोच-विचार किया गया है. आपके विचार में साइबर स्पेस में निजी डाटा की सुरक्षा से सम्बंधित इस रिपोर्ट की खूबियाँ और खामियाँ क्या-क्या हैं? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)  15 Marks

  20. संसार के दो सबसे बड़े अवैध अफीम उगाने वाले राज्यों से भारत की निकटता ने भारत की आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है. नशीली दवाओं के अवैध व्यापार एवं बन्दूक बेचने, गुपचुप धन विदेश भेजने और मानव तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों के बीच कड़ियों को स्पष्ट कीजिए. इन गतिविधियों को रोकने के लिए क्या-क्या प्रतिरोधी उपाय किये जाने चाहिए? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)  15 Marks

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