संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा UPSC Mains Exam Hindi - SYLLABUS
(गणित-Mathematics)
प्रश्न पत्र-1
1. रैखिक बीजगणित:
R एवं C सदिश समष्टियाँ, रैखिक आश्रितता एवं स्वतंत्रता,उपसमष्टियाँ, आधर, विमा, रैखिक रूपांतरण, कोटि एवं शून्यता, रैखिक रूपांतरण का आव्यूह ।
आव्यूहों की बीजावली, पंक्ति एवं स्तंभ समानयनऋ सोपानक रूप,सर्वांगसमता एवं समरूपता, आव्यूह की कोटि, आव्यूह का व्युत्कम, रैखिक समीकरण प्रणाली का हल, अभिलक्षणिक मान एवं अभिलक्षणिक सदिश, अभिलक्षणिक बहुपद, केले-हैमिल्टन प्रमेय, सममित, विषम सममित, हर्मिटी, विषम हर्मिटी, लांबिक एवं ऐकिक आव्यूह एवं उनके अभिलक्षणिक मान ।
2. कलन:
वास्तविक संख्याएँ, वास्तविक चर के फलन, सीमा, सांतत्य,अवकलनीयता, माध्यमान प्रमेय, शेषपफलों के साथ टेलर का प्रमेय, अनिर्धरित रूप, उच्चिष्ठ एवं अल्पिष्ठ, अनंतस्पर्शी, वक्र अनुरेखण, दो या तीन चरों के फलन: सीमा, सांतत्य, आंशिक अवकलज, उच्चिष्ठ एवं अल्पिष्ठ, लाग्रांज की गुणक विधि, जैकोबी । निश्चित समाकलों की रीमान परिभाषा, अनिश्चित समाकल, अनंत ;इन्फिनिट एवं इंप्राॅपरद्ध अवकल, द्विध एवं त्रिध समाकल (केवल मूल्यांकन प्रविधियाँ), क्षेत्र, पृष्ठ एवं आयतन ।
3. विश्लेषिक ज्यामिति:
त्रिविमाओं में कार्तीय एवं ध्रुवीय निर्देशांक, त्रि-चरों में द्वितीय घात समीकरण, विहित रूपों में लघुकरण, सरल रेखाएँ, दो विषमतलीय रेखाओं के बीच की लघुतम दूरी, समतल, गोलक, शंकु, बेलन, परवलपज, दीर्घवृत्तज, एक या दो पृष्ठी अतिपरवलयज एवं उनके गुणधर्म ।
4. साधारण अवकल समीकरण:
अवकल समीकरणों का संरूपण, प्रथम कोटि एवं प्रथम घात का समीकरण, समाकलन गुणक, लंबकोणीय संछेदी, प्रथम घात का नहीं किंतु प्रथम कोटि का समीकरण, क्लेरो का समीकरण, विचित्र हल । नियत गुणांक वाले द्वितीय एवं उच्चतर कोटि के रैखिक समीकरण, पूरक फलन, विशेष समाकल एवं व्यापक हल । चर गुणांक वाले द्वितीय कोटि के रैखिक समीकरण, आयलर-कौशी समीकरण, प्राचल विचरण विधि का प्रयोग कर पूर्ण हल का निर्धारण जब एक हल ज्ञात हो । लाप्सास एवं व्युत्क्रम लाप्लास रूपांतर, एवं उनके गुणधर्म, प्रारंभक फलनों के लाप्लास रूपांतर, नियत गुणांक वाले द्वितीय कोटि रैखिक समीकरणों के लिए प्रारंभिक मान समस्याओं पर अनुप्रयोग ।
5. गतिकी एवं स्थैतिकी:
ट्टजुरेखीय गति, सरल आवर्तगति, समतल में गति, प्रक्षेप्य (प्रोजेक्टाइल), व्यवरोध गति, कार्य एवं ऊर्जा, ऊर्जा का संरक्षण केपलर नियम, केंद्रीय बल के अंतर्गत की कक्षाएं ;कण निकाय का संतुलन, कार्य एवं स्थितिज ऊर्जा घर्षण, साधरण कटनरी, कल्पित कार्य का सिद्धाँत, संतुलन का स्थायित्व, तीन विमाओं में बल संतुलन ।
6. सदिश विश्लेषण:
अदिश और सदिश क्षेत्र, अदिश चर के सदिश क्षेत्र का अवकलन, कार्तीय एवं बेलनाकार निर्देशांकों में प्रवणता, अपसरण एवं कर्ल, उच्चतर कोटि अवकलन, सदिश तत्समक एवं सदिश समीकरण । ज्यामिति अनुप्रयोग: आकाश में वक्र, वक्रता एवं ऐंठन, सेरेट-फेनेट के सूत्र । गैस एवं स्टोक्स प्रमेय, ग्रीन के तत्समक ।
प्रश्न पत्र-2
1. बीजगणित:
समूह, उपसमूह, चक्रीय समूह, सहसमुच्चय, लाग्रांज प्रमेय,प्रसामान्य उपसमूह, विभाग समूह, समूहों की समाकारिता, आधरी तुल्याकारिता प्रमेय, क्रमचय समूह, केली प्रमेय । वलय, उपवलय एवं गुणजावली, वलयों की समाकारिता, पूर्णांकीय प्रांत, मुख्य गुणजावली प्रांत, यूक्लिडीय प्रांत एवं अद्वितीय गुणनखंडन प्रांत, क्षेत्र विभाग क्षेत्र ।
2. वास्तविक विश्लेषण:
न्यूनतम उपरिसीमा गुणधर्म वाले क्रमित क्षेत्र के रूप में वास्तविक संख्या निकाय, अनुक्रम, अनुक्रम सीमा, कौशी अनुक्रम, वास्तविक रेखा की पूर्णता, श्रेणी एवं इसका अभिसरण, वास्तविक एवं सम्मिश्र पदों की श्रेणियों का निरपेक्ष तथा सप्रतिबंध् अभिसरण, श्रेणी का पुनर्विन्यास । फलनों का सांतत्य एवं एक समान सांतत्य, संहत समुच्चयों पर सांतत्य फलनों के गुणधर्म । रीमान समाकल, अनंत समाकल, समाकलन-गणित के मूल प्रमेय । फलनों के अनुक्रमों तथा श्रेणियों के लिए एक-समान अभिसरण, सांतत्य, अवकलनीयता एवं समाकलनीयता, अनेक ;दो या तीनद्ध चरों के फलनों के आंशिक अवकलज, उच्चिष्ठ एवं अल्पिष्ठ ।
3. सम्मिश्र विश्लेषण:
विश्लेषिक फलन, कौशी-रीमान समीकरण, कौशी प्रमेय, कौशी का समाकल सूत्र, विश्लेषिक फलन का घात श्रेणी निरूपण, टेलर श्रेणी, विचित्रताएं, लोरां श्रेणी, कौशी अवशेष प्रमेय, कन्टूर समाकलन ।
4. रैखिक प्रोग्रामन:
रैखिक प्रोग्रामन समस्याएं, आधरी हल, आधरी सुसंगत हल एवं इष्टतम हल, हलों की आलेखी विधि एवं एकध विधि, द्वैतता । परिवहन तथा नियतन समस्याएं ।
5. आंशिक अवकल समीकरण:
तीन विमाओं में पृष्ठकुल एवं आंशिक अवकल समीकरण संरूपण,प्रथम कोटि के रैखिक कल्प आंशिक अवकल समीकरणों के हल, कौशी अभिलक्षण विधि, नियत गुणांकों वाले द्वितीय कोटि के रैखिक आंशिक अवकल समीकरण, विहित रूप, कंपित तंतु का समीकरण, ताप समीकरण, लाप्लास समीकरण एवं उनके हल ।
6. संख्यात्मक विश्लेषण एवं कम्प्यूटर प्रोग्रामन:
संख्यात्मक विधियां द्विविभाजन द्वारा एक चर के बीजगणितीय तथा अबीजीय समीकरणों का हल, रेगुला फाल्सि तथा न्यूटन-राफसन विधियां, गाउसीय निराकरण एवं गाउस-जाॅर्डन ;प्रत्यक्षद्ध, गाउस-सीडेल ;पुनरावर्तीद्ध विधियों द्वारा रैखिक समीकरण निकाय का हल । न्यूनटन का ;अग्र तथा पश्चद्ध अंतर्वेशन, लाग्रांज का अंतर्वेशन । संख्यात्मक समाकलन: समलंबी नियम, सिंपसन नियम, गाउसीय क्षेत्रकलन सूत्र ।साधरण अवकल समीकरणों का संख्यात्मक हल: आयलर तथा रंगा-कुट्ट विधियां । कम्प्यूटर प्रोग्रामन: द्विआधरी पद्वति, अंकों पर गणितीय तथा तर्कसंगत संक्रियाएं, अष्ट आधरी तथा षोडस आधरी पद्वतियां, दशमलव पद्वति से एवं दशमलव पद्वति में रूपांतरण, द्विआधरी संख्याओं की बीजावली । कम्प्यूटर प्रणाली के तत्व तथा मेमरी की संकल्पना, आधरी तर्कसंगत द्वारा तथा सत्य सारणियां बूलीय बीजावली, प्रसामान्य रूप । अचिन्हित पूर्णाकों, चिन्हित पूर्णाकों एवं वास्तविक, द्विपरिशुद्धता वास्तविक तथा दीर्घ पूर्णाकों का निरूपण । संख्यात्मक विश्लेषण समस्याओं के हल के लिए कलनविधि और प्रवाह संपित्र
7. यांत्रिकी एवं तरल गतिकी:
व्यापीकृत निर्देशांक, डीऐलंबर्ट सिद्धांत एवं लाग्रांज समीकरण, हैमिल्टन समीकरण, जड़त्व आघूर्ण, दो विमाओं में दृढ़ पिंडों की गति । सांतत्य समीकरण, अश्यान प्रवाह के लिए आयलर का गति समीकरण, प्रवाह रेखाएं, कण का पथ, विभव प्रवाह, द्विविमीय तथा अक्षतः सममित गति, उद्गम तथा अभिगम, भ्रमिल गति, श्यान तरल के लिए नैवियर-स्टोक समीकरण ।