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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-67

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-67

निर्देशः प्रश्न के साथ दो तर्क (1 &2) दिए गए है आपको यह बताना है। कि कौन सा तर्क मजबूत है और कौन सा तर्क कमजोर है।नीचे दिए गए कोड की मदद से उत्तर दीजिए

(a) यदि केवल तर्क 1 मजबूत है।
(b) यदि केवल तर्क 2 मजबूत है।1. निम्नांकित में से कौन F के एकदम बाँए था
(c) न तो तर्क 1 मजबूत है और न ही 2
(d) यदि दोनो (1 & 3) वर्क मजबूत है।

1. कथनः क्या शहर की सारी फैक्ट्रियो को शहर के बाहर स्थानान्तरित कर देना चाहिए

1. हाँ, शहर के प्रदूषण को रोकने का यह प्रभावी कदम होगा
2. नहीं, इस कदम से फैक्ट्री के कर्मचारी एवं उन्के परिवार वालो को काफी दिक्कत होगी

निर्देशः नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में दो कथन है जिसके साथ दो (1 एवं2) निष्कर्ष भी दिए गए है। आपको उन दो कथनों को सत्य मानकर चलना है यद्यपि के वे सामान्य ज्ञात जानकारी के इतर हो सकते है। निष्कर्षों को पढ़ते हुए यह निर्धारित कीजिए कि कौन सा निष्कर्ष दिए गए कथन का तर्कतः पालन करता है चाहे वह सामान्य ज्ञात तथ्य से उतर हो

उत्तर

(a) यदि केवल निष्कर्ष 1 तर्कतः सही है।
(b) यदि केवल 2 तर्कतः सही है।
(C) न तो 1 सही है न तो 2
(d) यदि दोनो सही है

2. कथन : कुछ अभिनेता गायक है। सारे गायक नर्तक है।

निष्कर्षः

1. कुछ अभिनेता नर्तक है ।
2. कोई गायक अभिनेता नही है

3. कथन : कुछ आम पीले है। टिक्सो एक आम है।

निष्कर्षः

1. कुछ आम हरे है।
2. टिक्सो पीला है।

4. कथन : कुछ मोती रत्न है। कुछ रत्न आभूषण है।

निष्कर्षः

1. कुछ रन मोती है।
2. कुछ आभूषण रत्न है।

5.  कथन : सारे अभिनेता लड़किया है।

निष्कर्ष

1. सारे अभिनेता सुंदर है
2. कुछ लड़किया अभिनेता है।

यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए अध्ययन सामग्री UPSC Hindi Study Materials

Online Coaching for UPSC, IAS PRE Exam

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-67

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-67

निर्देशः प्रश्न के साथ दो तर्क (1 &2) दिए गए है आपको यह बताना है। कि कौन सा तर्क मजबूत है और कौन सा तर्क कमजोर है।नीचे दिए गए कोड की मदद से उत्तर दीजिए

(a) यदि केवल तर्क 1 मजबूत है।
(b) यदि केवल तर्क 2 मजबूत है।1. निम्नांकित में से कौन F के एकदम बाँए था
(c) न तो तर्क 1 मजबूत है और न ही 2
(d) यदि दोनो (1 & 3) वर्क मजबूत है।

1. कथनः क्या शहर की सारी फैक्ट्रियो को शहर के बाहर स्थानान्तरित कर देना चाहिए

1. हाँ, शहर के प्रदूषण को रोकने का यह प्रभावी कदम होगा
2. नहीं, इस कदम से फैक्ट्री के कर्मचारी एवं उन्के परिवार वालो को काफी दिक्कत होगी

निर्देशः नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में दो कथन है जिसके साथ दो (1 एवं2) निष्कर्ष भी दिए गए है। आपको उन दो कथनों को सत्य मानकर चलना है यद्यपि के वे सामान्य ज्ञात जानकारी के इतर हो सकते है। निष्कर्षों को पढ़ते हुए यह निर्धारित कीजिए कि कौन सा निष्कर्ष दिए गए कथन का तर्कतः पालन करता है चाहे वह सामान्य ज्ञात तथ्य से उतर हो

उत्तर

(a) यदि केवल निष्कर्ष 1 तर्कतः सही है।
(b) यदि केवल 2 तर्कतः सही है।
(C) न तो 1 सही है न तो 2
(d) यदि दोनो सही है

2. कथन : कुछ अभिनेता गायक है। सारे गायक नर्तक है।

निष्कर्षः

1. कुछ अभिनेता नर्तक है ।
2. कोई गायक अभिनेता नही है

3. कथन : कुछ आम पीले है। टिक्सो एक आम है।

निष्कर्षः

1. कुछ आम हरे है।
2. टिक्सो पीला है।

4. कथन : कुछ मोती रत्न है। कुछ रत्न आभूषण है।

निष्कर्षः

1. कुछ रन मोती है।
2. कुछ आभूषण रत्न है।

5.  कथन : सारे अभिनेता लड़किया है।

निष्कर्ष

1. सारे अभिनेता सुंदर है
2. कुछ लड़किया अभिनेता है।

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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-66

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-66

निर्देशः आठ व्यक्ति EFGH,,K एवं Lएक वर्गाकार टेबल के चारो ओर बैठे थे। वहां पर तीन महिलाए थी जो कि एक लोग बैठे थे। वहां पर तीन महिलाए थी जो कि एक दूसरे के पास नहीं बैठी थी।Jएवं F के बीच में था। G, एवा के मध्य में था। H एक महिला सदस्य थी जो कि Jके विपरीत बैठा था। F एक पुरूष सदस्य था जो कि E के विपरीत बैठा था।E एक महिला सदस्य थी F एवं । के मध्य एक महिला सदस्य थी।

1. निम्नांकित में से कौन F के एकदम बाँए था

(a) G
(b) ।
(c) J
(d) H

2. J एवं K के बारे में क्या सही है

(a) J पुरूष है K महिला
(b) J महिला है K पुरूष है।
(c) दोनो महिलाए है।
(d) दोनो पुरूष है

3. K एवं F के मध्य में कितने लोग बैठे है।

(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4

4. निम्नांकित में से कौन तीन महिला सदस्य है।

(a) EH,J
(b) EFG
(C) E,H,G
(d) C,H,J

5. E एवं H के मध्य में कौन बैठा है।

(a) F
(b) ।
(c) K
(d) J

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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-65

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-65

लेखांश: प्रश्नों के लिए निर्देषः नीचे दिए गए लेखांश को पड़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे। आपके उत्तर लेखांश पर ही आधारित होना चाहिए कतर वार्ता से पूर्व विनाश की संभावनाओं को इंगित करती हुई ताजा खबरों की बाड़ के बीच में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वैश्विक ताप वृद्धि प्लेनेट वार्मिग) को नियंत्रित करना अब और भी मुश्किल हो गया है । संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती करने के वर्तमान संकल्प के फलस्वरूर इस सदी में औसत वैश्विक ताप में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस को वृद्धि देखी जा सकती है ।

   पूर्वऔद्योगिक स्तर पर वृद्धि की लक्षित सीमा 2 डिग्री सेल्सियस है। । विश्व मौसम विज्ञान संस्थान ने वायुमंडल में भू तापीय गैसों की मात्रा मे अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है वहीं विश्व बैंक ने तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के कारण पृथ्वी पर व्यापक विनाश की चेतावनी दी है। यूएनईपी के अनुसार त्वरित कार्यवाही से अब भी विश्व को पटरी पर लाया जा सकता है लेकिन इसके लिए उत्सर्जन में 14 प्रतिशत तक की कटौती हो । अर्थात् अभी के 50.1 बिलियन टन प्रति वर्ष उत्सर्जन के बजाय 2020 मै 44 बिलियन टन उत्सर्जन का तत्व प्राप्त करना होगा। वैज्ञानिक कहते हैं कि वैश्विक ताप में औसतन 0.8 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि पहले ही हो चुकी है। 190 से ज्यादा देश वैश्विक जलवायु संधि का मसौदा तैयार करने के लिए कतर में मिलेंगे जिस पर 2015 तक हस्ताक्षर होना और 2020 तक उसका लागू होना अपेक्षित है ।

    ये देश क्योटो प्रोटोकॉल के पुनः कार्यान्वयन के लिए प्रयास करेंगे जो कि समृद्ध देशों को ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी करो को बाध्य करता है । ध्यातव्य है कि पिछला प्रस्ताव 31 दिसम्बर2012 को समाज होने वाला है । यूएनईपी ने कहा है कि कार्बन डाईऑक्साइड जैसी तापवर्धक गैसों की सघनता सन् 2000 से अब तक 20 प्रतिशत बढ़ चुकी है। 2008-09में आई अर्थिक मंदी के दौरान कुछ गिरावट के बाद अब यह उत्सर्जन फिर से बढ़ रहा है। यदि त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो 2021 तक उत्सर्जन की मात्रा 58 गीगाटन तक पहुँचने की आशंका है।

1. तुम संघ लोक सेवा आयोग के साक्षात्कार पैनल के एक सदस्य हो एक उम्मीदवार साक्षात्कार के दौरान लगातार छत एवं जमीन की ओर देख रहा था उसके इस व्यवहार का तुम क्या निष्कर्ष

(a) असामान्य
(b) आत्मविश्वास की कमी
(c) घृणा
(d) अनादर की प्रवृत्ति

2. एक मीटिग में तुम अपने अधीनस्थो को कुछ सूचना दे रहे थे।लेकिन तुम्हारा एक अधीनस्थ हाथ मोड़ के खड़ा था तुमको उसका व्यवहार पसंद नहीं आता क्योंकि

(a) मुड़े हाथ का मतलब है कि वह आराम की मुद्रा में है
(b) मुड़े हाथ का मतलब है कि वह व्यक्ति तुम्हे पंसद नहीं करता है।
(c) मुड़े हाथ का मतलब है कि व्यक्ति ध्यान दे रहा है।
(d) उपरोक्त में कोई नही

3. तुम एक अधिकारी हो और तुम्हारा वरिष्ठ अधिकारी न केवल तुम्हे विभाग के अनिरिक्त अन्य कार्य के लिए मना करता है वरन बाहरी व्यक्नियों से संवाद के लिए भी मना करता है। वरिष्ठ अधिकारी

(a) अपनी शक्ति बढ़ा रहा है।
(b) कार्य केन्द्रित है।
(c) सूक्ष्म निरीक्षण रखता है।
(d) संगठन के चरित्र को बनाए रखना चाहता है

निर्देशः PCR,s,,UV एवंw एक गोल घेरे में केन्द्र की ओर मुंह करके बैठे थे।

1. P,T के दाहिने से दूसरा था जो कि R एवं V का पड़ोसी था
2. S,P का पड़ोसी नहीं था
3. V,U का पड़ोसी था
4. Q,S एवं W के बीच में नहीं था
5. W,V एवं S के बीच में नहीं था

4. S की स्थिति है।

(a) U एवं V के मध्य
(b) P के दाँए से दूसरा
(C) W के एकदम बगल में
(d) P एवं Q के बीच में

5. V के विपरीत कौन बैठा है।

(a) P
(b) W
(c) S
(d) Q

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(GIST OF YOJANA) पूर्वोत्तर भारत की जैव विविधता [April-2018]


(GIST OF YOJANA) पूर्वोत्तर भारत की जैव विविधता [April-2018]


पूर्वोत्तर भारत की जैव विविधता

अर्थव वेद में खा गया है अखय प्राविधि स्योनमस्तुते अर्थात हे ! धरती तुम्हारे ऊपर लहराते हुए हरे - भरे जंगल सुखदायक हो।

     जंगलों की उपस्थिति सुखदायक होती है। भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र जंगलों से आच्छादित है। इसे हम भारत की हरित भूमि भी कह सकते हैं। यह अनछुए जंगलों और जनजातियों की बहुलता का क्षेत्र है। पूर्वोत्तर भारत अद्भुत पारिस्थितिकी का क्षेत्र है जिसके कारण यहां की जैव विविधता भी अनुपम है। यह क्षेत्र सात भारतीय राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है, अर्थात् असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालयमिजोरम नागालैंड और त्रिपुरा। अक्सर इन सात पूर्वोत्तर राज्यों को सात बहनों के रूप में जाना जाता रहा है, जिसमें अब आठवें राज्य क के रूप में सिक्किम भी शामिल है। इन सबकी अपनी विशेषतायें हैं। ये क्षेत्र भूटान, चीन, म्यांमार और बांग्लादेश आदि देशों की सीमाओं से जुड़े ह। यहां की पारिस्थितिकी का कारण यहां की भौतिक संरचनाएं एवं भौगोलिक स्थितियां हैं। भौतिक संरचनाओं में पूर्वी हिमालय, पटकाई-नागा, लुसाई एवं मेघालय पहाड़ियां, ब्रह्मपुत्र एवम् बराक नदी घाटी के मैदान इत्यादि सम्मिलित हैं। यह क्षेत्र व्यापक भौगोलिक अंतर दिखाता है जो असम के बाढ़ के मैदानों से अलग होकर सिक्किम में कंचनजंघा (8586 मीटर) के उच्चतम पर्वत शिखर भी हैं। इसके अतिरिक्त अपनी भौगोलिक के स्थिति कारण यह स्थान उच्च व वर्षा क्षेत्र में आता है, (विश्व में सर्वाधिक है। वृष्टि के स्थान मौसिनराम तथा चेरापूंजी यहीं अवस्थिति है ) यहां की जलवायु मुख्यत : नम उप उष्णकटिबंधीय है , कुछ क्षेत्रों में पर्वतीय जलवायु भी मिलती है। यही भौतिक एवम भूगौलिक स्थितियां इस स्थान की अदभुत पारिस्थितिक का निर्माण करती है।

जैव विविधता

    हमारा जैवमण्डल विभिन्न प्रकार के जीवों का विशाल संग्रहण है। जंतुओं में विशालकाय नीली व्हेल से लेकर अति सूक्ष्म जीवाणुओं तक शामिल हैं जबकि पौधों में भी 100 मीटर की ऊंचाई वाले रेडवुड से लेकर विशालकाय पीपल और बरगद जैसे पेड़ हैं तो सूक्ष्म शैवाल भी हैं। विभिन्न प्रकार के जीवों के बीच की यही विविधता, विभिन्नता एवं परिवर्तनशीलता जैव विविधता कहलाती है। वर्ष 1992 के रियो डी जेनेरियो के पृथ्वी सम्मेलन में जैव विविधता को परिभाषित करते हुये कहा गया कि “धरातलीय, महासागरीय एवं अन्य जलीय पारिस्थितिक तंत्रों में उपस्थित अथवा उससे सम्बंधित तंत्रों में पाए जाने वाले जीवों के बीच की विविधता जैव विविधता है।'' साथ ही यह तय किया गया कि धरती पर उपस्थित सभी प्रजातियों का पता लगा कर उनका वैज्ञानिक नामाकरण किया जाये। अब तक लगभग 1.5 लाख प्रजातियों का पता लगाया जा चुका है। और एक अनुमान के अनुसार यह भाग कुल संख्या के 2 से 15 प्रतिशत तक हो सकता है। यह माना जाता है कि सभी प्रजातियों के बारे में पता करना लगभग नामुमकिन है। क्योंकि कई प्रजातियां मानवीय गतिविधियों के कारण असमय समाप्त हो रही हैं। इसमें सबसे प्रमुख योगदान जंगलों की कटाई एवं प्रदूषण तथा वैश्विक वातावरण में आ रहा परिवर्तन है। लेकिन इन सबके बाद भी अभी भी लगभग करोड़ों प्रजातियां ऐसी हैं जिनके बारे में हम कुछ भी नहीं जानतेविशेषज्ञों के अनुसार अनुमानतविश्व में जीव-जातियों की संख्या 1 से 10 करोड़ तक हो सकती है। प्रजातियों की यह विविधता विश्व में एक समान रूप से वितरित नहीं है। कुछ देशों में यह अन्य स्थानों की तुलना में है। ऐसे देशों को उच्च विविधता वाले देश कहते हैं। कॉनजर्वेशन डॉट ऑर्ग ने ऐसे 17 देशों को सूचीबद्ध किया है जिनमें भारत भी है। केवल 2.5 प्रतिशत क्षेत्रफल के साथ भारत विश्व के लगभग 6 प्रतिशत जैव विविधता का घर है। जैव विविधता के संरक्षण के प्रयास बहुत लम्बे समय से किये जा रहे हैं, प्राचीन काल में भी इसके लिये प्रयास किये जाते रहे हैं उदाहरण स्वरूप यजुर्वेद में कहा गया है “मापो मौषधीय सीधेम्नो: धानो राजेंस्ततो वरुण नो मुंच (622)" अर्थात् हे। राजन, आप अपने राज्य के स्थानों में जल और वनस्पतियों को हानि मत पहुंचायें, ऐसा । उद्यम करो जिससे हम सभी को जल एवं वनस्पतियां सतत् मिलती रहें। आधुनिक काल में भी इस प्रकार के प्रयास होते रहे हैं। वर्ष 1798 में वेदानथंगल पक्षी विहार की स्थापना * हुयी, जिसे 1858 में चेंगलपट्टू के कलेक्टर घ ने मान्यता प्रदान की।

पूर्वोत्तर की जैव विविधता

    यह क्षेत्र भारत के अधिकांश वनस्पतियों एवं जंतुओं के लिए एक भौगोलिक प्रवेश द्वार माना जाता है और असाधारण जैव विविधता और अपेक्षाकृत जटिल जैवभूगोल को दर्शाता है। मोटे तौर पर, इस क्षेत्र में देश के कुल जैव विविधता का एक तिहाई से अधिक हिस्सा शामिल हैं। भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 8 प्रतिशत हिस्सा होने के बाद भी यहां के जंगलों के कारण अतुलनीय जैव विविधता को समर्थन देता है।
तालिका 1 से स्पष्ट है कि यह क्षेत्र जंगलों की दृष्टि से बेहद समृद्ध है इसी कारण यह जैव विविधता के लिये भी इतना महत्वपूर्ण है।

UPSC सामान्य अध्ययन प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा (Combo) Study Kit 2018

(GIST OF YOJANA) कौशल विकास को प्रोत्साहन [April-2018]


(GIST OF YOJANA) कौशल विकास को प्रोत्साहन [April-2018]


कौशल विकास को प्रोत्साहन

     21 वीं सदी की आर्थिक व्यवस्था ने नए आर्थिक मायने पेश किए हैं। इसी के साथ व्यवस्था ने आर्थिक पूंजी और राष्ट्र की ताकत को पारिभाषित करने के लिए नया मापदंड भी तैयार किया है। इस आर्थिक ताकत का एक अहम पहलू जनांकिकी लाभ है। किसी देश के जनांकिकी लाभ को उस देश की ग्रोथ की संभावना के तौर पर बताया जाता है। दरअसलयह वृद्धि देश की कुल आबादी की तुलना में कामकाजी आबादी (15-64 वर्षों: में तेज बढ़ोतरी के कारण मुमकिन हो सकती है है। पिछले दो दशकों से जहां अन्य देशों की कामकाजी आबादी के प्रतिशत में गिरावट आई है, वहीं भारत में इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दुनिया भर के अर्थशास्त्रियों ने इसे भारत का जनांकिकी लाभ' बताया है। ने यह भारत को अगले दशक तक पांच लाख का करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दी दिशा में आगे बढ़ाने के लिए अहम पहलू है।

      इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि भारत अपनी कामकाजी आबादी को बेहतर तरीके से तैयार करे. ताकि जनांकिकी लाभ हासिल करने के लिए इस अनुकूल माहौल बन सके। ऐसे में कौशल विकास जैसे अहम स्वरूप की भूमिका सामने का आती है। भारत सरकार ने 15 जुलाई 2015 को कौशल विकास योजनाओं से जुड़े आम में नियमों को ध्यान में रखते हुए एक अधिसूचना राज्य जारी की थी। इसमें कौशल विकास की है। परिभाषा इस तरह दी गई है- 'किसी भी सरकारी योजना के मकसद से या किसी भी पूर्वी क्षेत्र आधारित मांग से जुड़ा कौशल संबंधी पर प्रशिक्षण जिससे रोजगार मिलता हो या ऐसी गतिविधि जो सहभागी को कौशल हासिल करने में मदद करती हो और कोई निष्पक्ष थर्ड पार्टी एजेंसी इसका आकलन कर इसे मान्यता देती हो। साथ ही, जिस प्रशिक्षण से किसी शख्स को मजदूरी स्वरोजगार मिलता हो और इससे कमाई में बढ़ोतरी होती हो और कामकाजी हालत में सुधार होता हो। मसलन किसी कौशल के लिए औपचारिक मान्यता, असंगठित से संगठित क्षेत्र संबंधी रोजगार की तरफ बढ़ना या उच्च शिक्षा प्रशिक्षण हासिल करना।' कौशल विकास के तहत किसी शख्स को किसी खास क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि कोई महिला पुरुष अपने ज्ञान और कौशल के स्तर के हिसाब से रोजगार बाजार में प्रवेश कर सके।

       असम में कौशल विकास को असम राज्य आजीविका मिशन और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अलावा रोजगार उत्पादन मिशन (ईजीएम) के जरिये अंजाम दिया जाता है। इन स्कीमों ने पिछले कुछ वर्षों में पर्याप्त सफलता हासिल की है। वर्ष 2017 के आखिर में यह घोषणा की गई कि राज्यभर के रोजगार केद्रों को कौशल विकास केद्रों में बदला जाएगा। हाल में असम में कौशल विकास विभाग भी स्थापित किया गया है, जिसका मकसद असम में कौशल विकास को फैलाना है। असम सरकार ने अगले कुछ वर्षों में 3 लाख नए सदस्यों के प्रशिक्षण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तैयार किया है। असम देश के उन शुरुआती राज्यों में है , जिसने कारागार पैरा कारीगर जैसी अनोखी स्किम पेश की है , जिसके तहत जेल में बंद लोगो को कौशल विकास का परिक्षण दिया जा रहा है ताकि जब वे समाज की मुख्यधारा में लोटे , तो समाज में सार्थक योगदान कर सके। इसके अलावा , सरकार ने सेक्टर ादाहृत कौशल विकास अभियानों के लिए सिस्को और डाबर जैसी कम्पनियो के साथ साझीदारी की है। इससे निश्चित तौर पर काफी लाभ होंगे।

        मणिपुर ने वैसी कई कमेटियों का गठन किया है, जो कौशल विकास के आइडिया को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न पक्षों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। मणिपुर सरकार ने हाल में 1.5 लाख नौकरियां देने और हर घर में एक रोजगार देने के लक्ष्य का ऐलान किया है। राज्य के तमाम 40 कॉलेजों में व्यावसायिक (वोकेशनल) कौशल प्रशिक्षण केद्र की शुरुआत की गई है। सरकार ने कौशल विकास का प्रशिक्षण देने में महिला और आत्मसमर्पण कर चुके आतंकवादियों पर खास ध्यान दिया है।

        मेघालय राज्य कौशल विकास सोसायटी ने कौशल विकास में पहले चरण के तहत7,700 युवाओं को प्रशिक्षित किया है। साथ ही, अलग-अलग उद्योगों और क्षेत्रों में उनके लिए नौकरी भी सुनिश्चित की है। डीडीयू-जीकेयू (दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना) का मकसद ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करना और उन्हें रोजगार बाजार में लाना है। इस संबंध में काम करने के लिए जापान और कोरिया जैसे देशों में उप्रदराज लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लिहाजा इन देशों में कौशल से लैस कामगारों की जरूरत होगी। भारत इस जरूरत की भरपाई कर सकता है और उसका पूर्वोत्तर इलाका इन देशों की जरूरत पूरी करने के लिहाज से सबसे उपयुक्त है। मेघालय सर्कार ने भी कुछ अहम क्षेत्रो की पहचान की है। योजना के तहत पहचान किये गए क्षेत्रों में पर्यटन, ऑटोमोबाइल मैकेनिक , होउसकीपिंग आदि शामिल है।

      असम सर्कार इस सिलसिले में पहले ही ढांचा और नक्शा पेश कर चुकी है। मिसाल के तौर पर असम में बारपेटा जिले में आईटीआई और बाकि संसथान है , जो स्थानीय आतिशबाजी और हस्तकला के क्षेत्र में परिक्षण मुहैया करता है। यह जिला पारम्परिक तौर पर भी आतिशबाजी उधोग और हस्तकला के लिए जाना जाता है। पारपरिक क्षेत्रों के ज्ञान को कौशल में शामिल करने के लिए पाठ्यक्रमो में बदलाव किया जा सकता है और इसे नए सिरे से इस तरह तैयार किया जा सकता है कि प्रशिक्षित युवा बाजार की जरूरतों के मुताबिक तैयार हो सके। साथ ही, क्लस्टर सिस्टम में मौजूद छोटे एमएसएमई उद्योगों को प्रोत्साहित किया। जाना चाहिए। इकोसिस्टम यह पक्का करेगा कि कौशल विकास रोजगार हासिल करने के अपने लक्ष्य तक पहुंचे इसी तरह का मॉडल कछार जिले में भी विकसित किया जा सकता है, जो मिट्टी के बरतन और शीतल पाटी जैसे कामों के लिए मशहूर है। सोनितपुर जिले को चावल मिल के अहम केंद्र के तौर पर विकसित किया जा सकता है। इस जिले की अनुभव और विशेषज्ञता इसी क्षेत्र में है।    

कौशल विकास को और बढ़ावा देने  वाला दूसरा उपाय इसे अंतरराष्ट्रीय मार्केट से  जोड़ना है। यह काम वैसे नए क्षेत्रों की पहचान कर किया जा सकता है, जहां संबंधित क्षेत्रों ए के पारंपरिक ज्ञान का इस्तेमाल पड़ोसी देशों में कुछ खास उत्पादों के लिए बाजार तैयार करने में किया जा सकता है। इस मॉडल को बांग्लादेश में प्राण फूड्स ने दोहराया है। बांग्लादेश की इस खाद्य प्रसंस्करण कंपनी ने लीची जूस उत्पाद पेश कर पूर्वोत्तर में खुद के लिए खास बाजार तैयार किया है। पिछले कुछ वर्षों में कंपनी ने पूर्वोत्तर के इलाके में बड़ी संख्या में पकड़ मजबूत की है। पूर्वोत्तर राज्यों को इस सीमा पार व्यापार का फायदा उठाना चाहिए और ऐसे उद्योगों पर नजर रखनी चाहिए, जो पड़ोसी देशों को उनकी जरूरत वाले उत्पाद मुहैया करा सके। मिसाल के तौर पर पूर्वोत्तर में गमछा और शॉल के रूप में हस्तकला की समृद्ध परंपरा का इस्तेमाल कर पड़ोसी देशों के बाजार में नए उत्पादों का विकल्प पेश किया जा सकता है। बांग्लादेश के प्राण फूड मॉडल का इस्तेमाल वैसे क्षेत्रों की पहचान में किया जाना चाहिए जहां पूर्वोत्तर के राज्य मेहनत कर सकते हैं। इन राज्यों को पूर्वी एशियाई देशों के करीब होने का फायदा उठाना चाहिए और इसके जरिये आर्थिक समृद्धि हासिल करना चाहिए तीसरे उपाय के तौर पर राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के मानकों को अपनाकर नतीजा आधारित सिस्टम की तरफ बढ़ना हो सकता है।  इस मॉडल को अपनाने के बाद हर राज्य की प्रगति और गढ़बढ़ियो का नियमित तौर पर आकलन संभव हो सकेगा। साथ ही गढ़बढ़ियो को दूर भी किया जा सकता है महत्वकांक्षी युवाओ को भी कम उम्र में चिन्हित करने की जरूरत है. न ताकि प्रशिक्षण छोड़कर जाने वालों को रोका जा सके। स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम को व्यावासायिक स्वरूप देना इस सिलसिले में स्वागतयोग्य कदम है। पूर्वोत्तर के युवाओं में उद्यमी क्षमता तैयार करने के लिए स्कूली स्तर पर उद्यमियों की सफलता की प्रेरणादायी कहानियां पढ़ाई जानी चाहिए।

पूर्वोत्तर के बाकी राज्य भी उन खास क्षेत्रों की पहचान के लिए कौशल के आकलन का अभियान चला सकते हैं, जहां पारंपरिक ज्ञान या ऐतिहासिक या भौगोलिक पृष्ठभूमि के जरिये मजबूत केंद्र बनाया जा सकता है। त्रिपुरा रबड़ का बड़ा उत्पादकबनने की अपनी जबरदस्त संभावना को लेकर काम कर सकता है। त्रिपुरा में तैयार किए रबड़ को पड़ोसी देशों में भी निर्यात किया जा सकता है।

UPSC सामान्य अध्ययन प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा (Combo) Study Kit 2018

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-64

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-64

लेखांश: प्रश्नों के लिए निर्देषः नीचे दिए गए लेखांश को पड़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे। आपके उत्तर लेखांश पर ही आधारित होना चाहिए कतर वार्ता से पूर्व विनाश की संभावनाओं को इंगित करती हुई ताजा खबरों की बाड़ के बीच में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वैश्विक ताप वृद्धि प्लेनेट वार्मिग) को नियंत्रित करना अब और भी मुश्किल हो गया है । संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती करने के वर्तमान संकल्प के फलस्वरूर इस सदी में औसत वैश्विक ताप में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस को वृद्धि देखी जा सकती है ।

   पूर्वऔद्योगिक स्तर पर वृद्धि की लक्षित सीमा 2 डिग्री सेल्सियस है। । विश्व मौसम विज्ञान संस्थान ने वायुमंडल में भू तापीय गैसों की मात्रा मे अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है वहीं विश्व बैंक ने तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के कारण पृथ्वी पर व्यापक विनाश की चेतावनी दी है। यूएनईपी के अनुसार त्वरित कार्यवाही से अब भी विश्व को पटरी पर लाया जा सकता है लेकिन इसके लिए उत्सर्जन में 14 प्रतिशत तक की कटौती हो । अर्थात् अभी के 50.1 बिलियन टन प्रति वर्ष उत्सर्जन के बजाय 2020 मै 44 बिलियन टन उत्सर्जन का तत्व प्राप्त करना होगा। वैज्ञानिक कहते हैं कि वैश्विक ताप में औसतन 0.8 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि पहले ही हो चुकी है। 190 से ज्यादा देश वैश्विक जलवायु संधि का मसौदा तैयार करने के लिए कतर में मिलेंगे जिस पर 2015 तक हस्ताक्षर होना और 2020 तक उसका लागू होना अपेक्षित है ।

    ये देश क्योटो प्रोटोकॉल के पुनः कार्यान्वयन के लिए प्रयास करेंगे जो कि समृद्ध देशों को ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी करो को बाध्य करता है । ध्यातव्य है कि पिछला प्रस्ताव 31 दिसम्बर2012 को समाज होने वाला है । यूएनईपी ने कहा है कि कार्बन डाईऑक्साइड जैसी तापवर्धक गैसों की सघनता सन् 2000 से अब तक 20 प्रतिशत बढ़ चुकी है। 2008-09में आई अर्थिक मंदी के दौरान कुछ गिरावट के बाद अब यह उत्सर्जन फिर से बढ़ रहा है। यदि त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो 2021 तक उत्सर्जन की मात्रा 58 गीगाटन तक पहुँचने की आशंका है।

1. एक संगठन में अत्यंत मानवीय वातावरण है। यहां अत्यंत मावनीय वातावरण का अर्थ है।

(a) वैयक्तिक संबंध संगठनिक उद्दश्यो से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
(b) लोगो के बीच तनाव एवं झगड़े किसी भी कीमत पर कम होने चाहिए
(c) अधीनस्थो का उत्साह पूर्णतयः स्वकेन्द्रित है।
(d) उपरोक्त सभी

2. एक मटिग के दौरान एक अधिकारी पेन्सिल से बार बार मेज पर आवाज करता है उसकी गतिविधि संभवतः परिणाम है।

(a) क्रोध
(b) निस्खत्साह
(c) अनिर्णय
(d) आक्रामक

3. तुम्हारे एक मित्र ने तुमसे किसी स्थान पर जल्द मिलने का वायदा किया। तुम आधे घण्टे से इंतजार कर रहे थे वह एक घण्टे उसका के बाद आयातुम बहुत क्रोधित थे तुम्हारे क्रोध का कारण था

(a) जल्द का मतलब तुम्हारे लिए 5 मिनट तथा तुम्हारे मित्र के लिए एक घण्टा था
(b) तुम्हारा मित्र तुम्हे महत्व नही दे रहा था
(c) तुम्हारे मित्र के पास कुछ बहुत जरूरी काम था।
(d) तुम्हारा मित्र तुम्हारा आदर नहीं करता था।

4. तुम एक टीम के लीडर हो और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सामने तुम अपनी टीम का प्रस्तुतीकरण कर रहे हो तुम्हारे प्रस्तुतिकरण से टीम के सदस्य काफी नाराज है उनकी नाराजगी का कारण है।

(a) तुम्हारा रचकेन्द्रित होकर प्रस्तुत किया गया भाषण एक ग्रुप की जगह मैं मेरा इत्यादि का प्रयोग
(b) साधारण भाषा का प्रयोग
(b) कार्य न करने के लिए अपनी टीम पर दोषारोपण
(b) अपनी टीम की प्रशंसा

5. साक्षात्कार कक्ष में तुम्हारे बिना भी शब्द बोले, साक्षात्कार करने एक वाले सदस्यो ने तुम्हारे बारे में कई पूर्व धारणाएं बना ली थी इसका कारण था

(a) व्यक्ति के शारीरिक हावभाव
(b) साक्षात्कार करने वाले सदस्यों के सामने तुम्हारा बायोडाटा
(C) तुम्हारी लिखित परीक्षा
(d) तुम इसके पहले साक्षात्कार दे चुके थे।

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(GIST OF YOJANA) पूर्वोत्तर का पुनरोदय [April-2018]


(GIST OF YOJANA) पूर्वोत्तर का पुनरोदय [April-2018]


पूर्वोत्तर का पुनरोदय

  जब हम पूर्वोत्तर के बारे में सोचते हैं, तो हमारे मन में काजीरंगा के . गैंडे मेघालय के बादल, बांस संबंधी हस्तकला हैंडलूम के बेहतरीन परिधान और चाय बागानों के दृश्य उभरते हैं। हम पूर्वोत्तर से ताल्लुक रखने वाले स्कूल और कॉलेज के अपने पुराने दोस्तों को भी याद करते हैं, जो हमारे साथ छात्र या सहकर्मी की तरह रहे।
हालांकि, पूर्वोत्तर सिर्फ आनंदादायक पर्यटन स्थलों, बेहतरीन हैंडलूम और हस्तकला और यहां के अच्छे लोगों अच्छे लोगो से जुड़ा मामला नहीं है। इस इलाके की अपनी अलग पहचान है। अलग तरह का स्थान होने के कारण यह देश की भौगोलिक मुख्यधारा से कटा है। सिक्किम और पूर्वोत्तर की सात बहनों ने ऐसी संस्कृति और पहचान विकसित की है, जो बाकी भारत से अलग । नियोजन से सभी मंचों आठ , , नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, हैजड़े पर इन राज्यों- असम, मेघालय, त्रिपुरामिजोरम मणिपुर और सिक्किम की चर्चा एक पूर्ण इकाई के तौर पर होती है। चाहे बजट आवंटन हो या अवसंरचना सुविधाओं के लिए आवंटित विकास परियोजनाओं का मामला , तमाम चीजों की योजना इस पूरे क्षेत्र को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। इससे इस इलाके के अलग होने और देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले अनोखा रहने की छवि बनी है।
भौगोलिक अलगाव और कुछ अन्य अंतर के कारण इस इलाके को कई मोचों पर पिछड़ेपन और विकास की अनदेखी का सामना करना पड़ा है। फसलों का कम उत्पादन बैंकों से कर्ज की दिक्कतबड़े उद्योगों की कमी और अवसंरचना सुविधाओं का अभाव आदि ने इस क्षेत्र के समग्र विकास को बाधित किया है। 

     केद्र सरकार पिछले कुछ समय से पूर्वोत्तर का समानांतर और संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है। पूर्व की ओर देखो' नीति हकीकत में बदलने पर के से क्षेत्र उम्मीदें जगी हैं। मेघालय के मदापाथर असम को मौजूदा सरकार जोर इस के लिए से के गुवाहाटी तक पहली बार ट्रेन चलाने, ओएनजीसी त्रिपुरा कंपनी लिमिटेड विद्युत प्लांट की यूनिट-2 की स्थापना, असम में देश का सबसे लंबा यानी 9.15 किलोमीटर का पुल (ढोला-सदिया पुल), आईआईआईटी गुवाहाटी की आधारशिला का रखा जाना आदि ऐतिहासिक पहल से पूर्वोत्तर के विकास की रफ्तार तेज हुई । पूर्वोत्तर के लिए बजट में भी बढ़ोतरी की गई है। यह फिलहाल तकरीबन 48 000 करोड़ है।
इस इलाके में आजीविका का मुख्य साधन खेती है। हालांकि , कृषि उत्पादन कम रहने और झूम प्रणाली जैसी पारंपरिक खेती में होने वाली मुश्किलों के कारण इस क्षेत्र में आजीविका की समस्या पैदा हो गई है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय बांस मिशन। पर नए सिरे से पहल करने का फैसला किया है और इसके लिए 1290 करोड़ रुपये आवंटित किए गए । इससे बड़े पैमाने पर बांस उद्योग के विकास की उम्मीद है।

     इस क्षेत्र के विकास में है। यातायात सुविधाओं का अभाव बडी बाधा रही सड़क और रेल से जुड़ाव की खराब हालत और हवाई संपर्क नहीं के बराबर होने के कारण यहां की अर्थव्यवस्था सुस्त हो गई। लिहाजा, यहां से देश के अन्य हिस्सों तक वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही मुमकिन नहीं हो पाती है।
सरकार ने अब अवसंरचना सुविधाओं के लिए बड़े पैमाने पर बजट आवंटन किया है इस क्षेत्र में इस क्षेत्र में रेल संपर्क को बढ़ावा देने के लिए पिछले चार वर्षों में 5886 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया, जबकि 2014-19 के दौरान नई सड़क, पुल आदि में निवेश ' के लिए 2 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है। इसके अलावा इस क्षेत्र के 50 हवाई अड्डों को बेहतर बनाने के लिए 1,014 करोड़ रुपये देने की बात कही गई है। इससे न सिर्फ देश के बाकी हिस्सों बल्कि म्यांमार, भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ भी पूर्वोत्तर के संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।

     इस इलाके में मौजूदा विद्युत परियोजनाओं के लिए 1,292 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि सौर ऊर्जा विकसित करने के लिए 234 करोड़ का अतिरिक्त आवंटन किया गया है। शिक्षा के लिए बेहतर सुविधाओं की कमी और कौशल विकास की दिक्कत के कारण युवाओं को पढ़ाई के लिए अन्य इलाकों में जाने को मजबूर होना पड़ता था। इसी तरह, रोजगार के अवसरों की कमी ने युवाओं को भी दूसरे क्षेत्रों में पलायन के लिए मजबूर कर दिया था।
रोजगार सृजन मिशन और असम राज्य आजीविका मिशन, मेघालय राज्य कौशल विकास सोसायटी आदि योजनाओं की पहल से पूर्वोत्तर में युवाओं को रोजगार के लिए कौशल हासिल करने का नया ठिकाना मिला है। इससे पलायन को गैरजरूरी बनाने में मदद मिलेगी।

     इस क्षेत्र में लंबे समय से महिलाओं को दबाया जाता रहा है और परिवार और वित्तीय मामलों में उनका कोई दखल नहीं होता। स्वयं सहायता समूह बनाने जैसी पहल से इस क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तीकरण में मदद मिली है। ऊंचे इलाकों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र समुदाय ) संसाधन प्रबंधन परियोजना (एनईआरसीएमपी) और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन समूह (एनएआरएमजी) जैसी इकाइयों ने लैंगिक सशक्तीकरण लाने में कारगर औजार के तौर पर काम किया है
समाज के सभी के विकास और पुनर को हिस्सा की के जरिये यह सुनिश्चित तबकों साथ विकास प्रक्रिया का बनाने कोशिशों किया गया है कि इस क्षेत्र के लोग कभी भी विकास या सांस्कृतिक लिहाज से देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले अलग नहीं माने जाएं।

     भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालयमिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा समेत आठ राज्य है। इस समस्त क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 262.179 वर्ग किलोमीटर है। भारत के कुछ राज्य जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश या महाराष्ट्र से तुलना करें तो क्षेत्रफल के आधार पर इनमें से प्रत्येक राज्य पूर्वोत्तर के इस संपूर्ण क्षेत्र के मुकाबले अधिक बड़े हैं। भारत के शेष हिस्सों के साथ पूर्वोत्तर भारत भौगोलिक रूप से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी क्षेत्र के निकट एक पतले से गलियारे के माध्यम से जुड़ा हुआ है, जिसे आमतौर पर चिकन नेक कहा जाता है। पूर्वोत्तर की सीमा पांच देशों से मिलती है। ये देश हैं- बांग्लादेश, भूटान, चीन, नेपाल और म्यांमार। पूर्वोत्तर की केवल तीस से पैंतीस प्रतिशत भूमि ही समतल है। यह मुख्यतया तीन घाटियों- ब्रह्मपुत्र, बराक और इम्फाल घाटियों के रूप में हैं। शेष भूभाग पहाड़ी क्षेत्र है। पूर्वोत्तर क्षेत्र की लगभग तीन चौथाई भूमि ऐसी है, जिसकी राजस्व की दृष्टि से सर्वेक्षण अथत नाप-जोख या जमाबंदी नहीं हुई है। इस तरह से यहां ऐसी विशाल भूमि है जिसके भूस्वामित्व का कोई लेखा-जोखाप्रमाणीकृत भू रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

      पूर्वोत्तर की आबादी में पिछली शताब्दी की शुरुआत की तुलना में असामान्य वृद्धि हुई है। भारत की जनसंख्या 1901 में (जब पाकिस्तान और बंगलादेश भारत का ही अंग थे) 29 करोड़ से अधिक थी, उस समय पूर्वोत्तर के इस क्षेत्र की जनसंख्या महज  44 लाख थी। अब 2011 तक इस क्षेत्र की आबादी बढ़कर 450 लाख हो चुकी है। इस बीच 1901 के समय भारत में सम्मिलित भूभागों को जोड़कर यहां की कुल जनसंख्या 15600 लाख या 156 करोड़ ( भारत की जनसंख्या 121 करोड़, पाकिस्तान की 18 करोड़ और बांग्लादेश की 17 करोड़हो गई है। इस प्रकार 1901 के समय जा भारत था। उसकी जनसंख्या में तब से 2011 के बीच .4 गुना वृद्धि हुई है। पूर्वोत्तर की आबादी इस अवधि में दस गुना से अधिक बढ़ गई है। यहां जनसंख्या की इस अप्रत्याशित बढ़ोतरी का कारण आसपास के इलाकों से लोगों का निरंतर आ बसना है। इसका एक नतीजा यह है कि यहां जो थोड़ी बहुत कृषि योग्य भूमि है, उसका औसत रकबा घट कर एक हेक्टेयर रह गया है।

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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-63

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-63

लेखांश: प्रश्नों के लिए निर्देषः नीचे दिए गए लेखांश को पड़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे। आपके उत्तर लेखांश पर ही आधारित होना चाहिए तीव्र आर्थिक विकास एवं प्रौद्योगिकीय कौशल मे वृद्धि के बावजूद भारत सतत तौर पर विकराल गरीबी से जूझ रहा है। तपेदिक, मलेरिया तथा कई अन्य संक्रामक रोगों का बोझ खेल रहा है। भारतीय अनुसंधान एवं विकास पर एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार इस बोझ को कम करने के लिए देश को अपनी स्वास्थ प्रणाली को मजबूत बनाना होगा तथा दवाइयों की पहुँचमुख्यत: गरीबों तक सुनिश्चित करनी होगी।

   नई स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियाँ- जैसे कि सुस्ती और स्थानीय परिस्थितियों अनुकूल उत्तम दवाएँटीके एवं चिकित्सकीय जाँच पद्धति, भारत में बीमारियों से लड़ने में बड़ा योगदान दे सकते हैं। हमारे पास कुछ गम्भीर रोगों के लिएवर्तमान में कोई कारगर दवा या टीका नहीं है, वहीं दूसरी ओर अन्य रोगों हेतु, उपलब्ध प्रौद्योगिकी बहुत महंगी तो है ही साथ ही साथ इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचा हर जगह उपलब्ध नही है, या फिर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुकूल नहीं है । उदाहरणार्थ मलेरिया या डेंगू
बुखार के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है और न ही टीबी हेतु कोई सस्ती एवं विशुद्ध जाँच या देखभाल व्यवस्था उपलब्ध है ।

    विश्व स्वास्थ्य अनुसंधान एवं विकास नीति मूल्यांकन कार्यक्रम केंद्र के अधीन विकास संस्था के परिणाम द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट- ‘‘वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान एवं विकास में भारत की भूमिका” -यह बताती है कि नई स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी का सृजन करने की दृष्टि से भारतीय प्रतिष्ठानों एव भारतीय जैव चिकित्सा पद्धति की समग्र क्षमता बाजार हेतु भी सीमित अभी है । कम बिकने वाले उत्पादो पर कार्य करने हेतु भारतीय प्रतिष्ठानों को सब्सिडी की आवश्यकता है । उदाहरणार्थ लीशमनियासिस या मियादी बुखार से संबंधित उत्पाद । साथ ही साथ कुछ उपेक्षित एवं बीमारियों के लिए उपयोगी उत्पादों का भी वर्ग है जिन्हें ये प्रतिष्ठान वाणिज्यिक उपयोग की से देखते हैं ।

   भारतीय प्रतिष्ठान तीन तरह से योगदान कर सकते हैं : मौजूदा उत्पादों को सस्ता एवं स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल बनाकरकुछ नए उत्पादों को बाजार में लाकर जिनके लिए तकनीकी व्यवधान ज्यादा न हों अन्तर्राष्ट्रीय उत्पाद विकास संबंधी पहलों के विशिष्ट पहलुओं में जहाँ उन्हे लागत का या अन्य कोई लाभ हासिल हो भागीदारी करके योगदान करने में सर्वथा सक्षम है ।

1. भारतीय प्रतिष्ठानों का योगदान अपर्याप्त है क्योंकि यह इन समस्याओं से कोई सरोकार नहीं रखते

(a) मौजूदा उत्पादों का सस्ता और स्थानीय दशाओं के अनुकूल विकास ।
(b) ऐसे नए उत्पादों का विकास जिनकी प्रौद्योगिकी आसानी से उपलब्ध है ।
(c) कम बिक्री या छोटे बाजारों वाले नए उत्पादों का विकास।
(d) लागत एवं अन्य लाभ वाले अन्तर्राष्ट्रीय उत्पादों का विकास।

2. निम्नलिखित कथनों में से कौन गद्यांश का निष्कर्ष प्रस्तुत करता है?

(a) भारत में अब भी व्यापक रूप से गरीबी विद्यमान है तथा वह संक्रामक रोगों के बोझ से ग्रसित है।
(b) भारत में टी.बी. हेतु कोई सस्ती और विशुद्ध जाँच या देखभाल की व्यवस्था नहीं है।
(c)भारतीय प्रतिष्ठानों को नए स्वास्थ्य उत्पाद के विकास हेतु सब्सिडी की आवश्यकता है जो कि प्रौद्योगिकीय रूप से अधिक मजबूत और कारगर हों।
(d) भारतीय प्रतिष्ठानो एवं भारतीय जैवचिकित्सा पद्धति को समग्र क्षमता बाजार हेतु नई स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी का सृजन एवं वितरण करने में अभी भी सीमित है।

3 . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए

1. मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया बुखार जैसी गम्भीर बीमारियों के लिए भारत में कोई दवाई या टीका उपलब्ध नहीं है।
2. टी.बी. और मियादी बुखार जैसे रोगों के लिए कोई सस्ती और विशुद्ध जाँच या देखभाल व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन गद्यांश के अनुसार सही है हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

लेखांश: प्रश्नों के लिए निर्देषः नीचे दिए गए लेखांश को पड़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे। आपके उत्तर लेखांश पर ही आधारित होना चाहिए कतर वार्ता से पूर्व विनाश की संभावनाओं को इंगित करती हुई ताजा खबरों की बाड़ के बीच में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वैश्विक ताप वृद्धि प्लेनेट वार्मिग) को नियंत्रित करना अब और भी मुश्किल हो गया है । संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती करने के वर्तमान संकल्प के फलस्वरूर इस सदी में औसत वैश्विक ताप में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस को वृद्धि देखी जा सकती है ।

   पूर्वऔद्योगिक स्तर पर वृद्धि की लक्षित सीमा 2 डिग्री सेल्सियस है। । विश्व मौसम विज्ञान संस्थान ने वायुमंडल में भू तापीय गैसों की मात्रा मे अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है वहीं विश्व बैंक ने तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के कारण पृथ्वी पर व्यापक विनाश की चेतावनी दी है। यूएनईपी के अनुसार त्वरित कार्यवाही से अब भी विश्व को पटरी पर लाया जा सकता है लेकिन इसके लिए उत्सर्जन में 14 प्रतिशत तक की कटौती हो । अर्थात् अभी के 50.1 बिलियन टन प्रति वर्ष उत्सर्जन के बजाय 2020 मै 44 बिलियन टन उत्सर्जन का तत्व प्राप्त करना होगा। वैज्ञानिक कहते हैं कि वैश्विक ताप में औसतन 0.8 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि पहले ही हो चुकी है। 190 से ज्यादा देश वैश्विक जलवायु संधि का मसौदा तैयार करने के लिए कतर में मिलेंगे जिस पर 2015 तक हस्ताक्षर होना और 2020 तक उसका लागू होना अपेक्षित है ।

    ये देश क्योटो प्रोटोकॉल के पुनः कार्यान्वयन के लिए प्रयास करेंगे जो कि समृद्ध देशों को ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी करो को बाध्य करता है । ध्यातव्य है कि पिछला प्रस्ताव 31 दिसम्बर2012 को समाज होने वाला है । यूएनईपी ने कहा है कि कार्बन डाईऑक्साइड जैसी तापवर्धक गैसों की सघनता सन् 2000 से अब तक 20 प्रतिशत बढ़ चुकी है। 2008-09में आई अर्थिक मंदी के दौरान कुछ गिरावट के बाद अब यह उत्सर्जन फिर से बढ़ रहा है। यदि त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो 2021 तक उत्सर्जन की मात्रा 58 गीगाटन तक पहुँचने की आशंका है।

4. गद्यांश के अनुसार

1. जलवायु परिवर्तन करने वाली गैसों के उत्सर्जन में कटौती हेतु राष्ट्रों की प्रतिबद्धताएँ अभी पर्याप्त नहीं हैं।
2. त्वरित कार्यवाही किए जाने के बावजूद मौजूदा 50 बिलियन टन प्रतिवर्ष की आकलित दर में 2020 तक कमी होने की संभावना नहीं है।
3. कतर में जलवायु परिवर्तन पर होने वाली सभा में क्योटो प्रोटोकॉल के नवीनीकरण के लिए 190 देश भाग लेने वाले हैं।
4. यदि त्वरित कार्यवाही नहीं की गई तो 2020 तक उत्सर्जन की मात्रा 58 गीगाटन तक पहुँच जाएगी।

ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 1 और 4
(d) केवल 2, 3 और 4

5. गद्यांश द्वारा दिया गया मूल संदेश है-

(a) कतर में होने वाले सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों में सहमति न बन पाने के कारण वैश्विक तापवृद्धि को नियंत्रित करने का तत्व पूरा होना संभव नहीं लगता
(b) तापवर्धक गैसों में चिंताजनक स्तर पर वृद्धि के कारण 2020 तक स्थिति और बिगड़ सकती है।
(c) संयुक्त राष्ट्र और उसके अंगों द्वारा बड़ी मात्रा में जारी की जा रही रिपोर्टों के कारण कतर में होने वाला वैश्विक सम्मेलन खटाई में पड़ सकता है।
(d) विश्व बैंक के आकलन चिंताजनक हैं।

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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-62

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-62

लेखांश: प्रश्नों के लिए निर्देथनीचे दिए गए लेखांश को पड़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे आपके उत्तर लेखांश पर ही आधारित होना चाहिए 26/11 के मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य इकलौता) दोषी मुहम्मद अजमल कसाब द्वारा दायर की गई दया याचिका को खारिज करने से संबंधित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निर्णय इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार दोषी के अपराध के प्रति जनता का दृष्टिकोण सरकार द्वारा लिये गये किसी निर्णय के समझाने के कर्तव्य पर आवरण डाल देता है । राष्ट्रपति
का निर्णय गोपनीय होने के कारण उन सिद्धांतों को बहुत कम उजागर करता है जिनसे वह निर्देशित था ।

   सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 4(1)(d) के अनुसार प्रत्येक सार्वजनिक अधिकारी को अपने द्वारा लिए गए प्रशासनिक या अर्द्ध-न्यायिक निर्णयों के कारणों की जानकारी प्रभावित व्यक्तियों को देनी होती है । इस प्रावधान में कोई छूट नहीं दी गई है । सरकार गलत ढंग से अनुच्छेद 742) का आश्रय लेकर दया याचिकाओं पर निर्णयों की जानकारी माँगने वाले आरटीआई - आवेदकों को जानकारी देने से मना करती है, जो कि केवल मंत्रियों द्वारा राष्ट्रपति को दी गई सलाह पर न्यायालय द्वारा पूछताछ
को प्रतिबंधित करता है ।

  भारत में अंतिम बार फाँसी 2004 में धनंजय चटर्जी को दी गई थी। आरटीआई के तहत गृह मंत्रालय से प्राप्त जानकारी से एक पत्रकार ने यह पता लगाया कि उसकी फाँसी में हुई 10 साल की देरी के संबंध में राष्ट्रपति कलाम को जो जानकारी दी गई थी वह गलत और अपूर्ण थी, जिसमें आधिकारिक स्तर पर हुई लापरवाही का कोई जिक्र नहीं था । वह कहते हैं। कि यदि तार्किक और पारदर्शी निर्णय लिया गया होता तो सर्वोच्च न्यायालय को इसमें इस आधार पर हस्तक्षेप करने में आसानी होती कि धनंजय चटर्जी
की फाँसी के पहले राष्ट्रपति के समक्ष प्रासंगिक सामग्री नहीं रखी गई ।

  राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कसाब को फाँसी पर निर्णय के कारणों को सार्वजनिक न करके विधि के शासन को और अधिक प्रभावी बनाने का एक उत्तम अवसर खो दिया। मृत्यु दंड प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति को चाहे भले ही अब तक ऐसा कोई मामला न्यायालय में न आया हो। अनुच्छेद 21 के तहत अपनी दया याचिका ठुकराए जाने के कारणों को जानने का अधिकार है। जिससे उसका जीवन समाप्त होने वाला है। अन्य व्यक्तियों को भी सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है।

1. उपर्युक्त गद्याश के अनुसार

1. सरकार कसाब के अपराध के प्रति जनदृष्टिकोण के पीछे छिपकर उसकी दया याचिका को खारिज करने से संबंधित कारणों का खुलासा करने के कर्तव्य से बचने की कोशिश कर रही है।
2. 26/11 मुंबई आतंकी हमले के एकमात्र दोषसिद्ध अजमल कसाब को चोरी-छिपे फाँसी नहीं दी जानी चाहिए थी।
3. कसाब की दया याचिका खारिज करने का राष्ट्रपति का फैसला उनके द्वारा ऐसा किए जाने के पीछे निहित कारण पर कोई प्रकाश नहीं डालता।
4. आजकल अभियोजन मीडिया एवं जनमत द्वारा निदेशित होता है।

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 1, 2 और 3
(d) 1, 2, 3 एवं 4

2. गद्यांश के अनुसार सरकार किस वजह से दया याचिका खारिज करने के फैसले के पीछे निहित कारण का खुलासा करने में संकोच कर रही है?

1. अजमल कसाब के अपराध के मामले में जनभावनाओं के मद्देनजर
2. सार्वजनिक क्षेत्र के तहत अनुच्छेद 74(2)

नीचे दिए गए ज्ञों से सही उत्तर चुनिए

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2

3. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत गृह मंत्रालय के विवरणों से प्राप्त सूचना 2004 में धनंजय चटर्जी की फाँसी के संबंध में हुई एक कमी का खुलासा करती है। यह कमी संबंधित है।

(a) मामले में सर्वोच्च न्यायालय का अहस्तक्षेप।
(b) यदि सर्वोच्च न्यायालय ने समय रहते हस्तक्षेप किया होता तो धनंजय चटर्जी की फाँसी की सजा आजीवन कारावास में बदली जा सकती थी।
(c) उसकी दया याचिका पर विचार करने के लिए राष्ट्रपति के समक्ष रखे गए प्रतिवेदन में उसकी फांसी में हुई 10 साल की देरी से संबंधित गलत एवं अपूर्ण दस्तावेज।
(d) उसकी दया याचिका पर पुनर्विचार करने में राष्ट्रपति ने युक्तिसंगत एवं पारदर्शी निर्णय लिया।

4. निम्नलिखित कथन पर विचार कीजिए

(a) अनुच्छेद 21 के तहत मृत्यु दंड प्राप्त हुए दोषी एवं आम जनता को इस बात का अधिकार है कि वह अपनी दया याचिका खारिज होने का कारण जाने।
2 अनुच्छेद 74(2) सूचना के अधिकार अधिनियम कर कमजोर करता है।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/है?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 एवं 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2

लेखांशः प्रश्नों के लिए निर्देषः नीचे दिए गए लेखांश को पड़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे। आपके उत्तर लेखांश पर ही आधारित होना चाहिए तीव्र आर्थिक विकास एवं प्रौद्योगिकीय कौशल मे वृद्धि के बावजूद भारत सतत तौर पर विकराल गरीबी से जूझ रहा है। तपेदिक, मलेरिया तथा कई अन्य संक्रामक रोगों का बोझ खेल रहा है। भारतीय अनुसंधान एवं विकास पर एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार इस बोझ को कम करने के लिए देश को अपनी स्वास्थ प्रणाली को मजबूत बनाना होगा तथा दवाइयों की पहुँचमुख्यत: गरीबों तक सुनिश्चित करनी होगी।

   नई स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियाँ- जैसे कि सुस्ती और स्थानीय परिस्थितियों अनुकूल उत्तम दवाएँटीके एवं चिकित्सकीय जाँच पद्धति, भारत में बीमारियों से लड़ने में बड़ा योगदान दे सकते हैं। हमारे पास कुछ गम्भीर रोगों के लिएवर्तमान में कोई कारगर दवा या टीका नहीं है, वहीं दूसरी ओर अन्य रोगों हेतु, उपलब्ध प्रौद्योगिकी बहुत महंगी तो है ही साथ ही साथ इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचा हर जगह उपलब्ध नही है, या फिर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुकूल नहीं है । उदाहरणार्थ मलेरिया या डेंगू
बुखार के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है और न ही टीबी हेतु कोई सस्ती एवं विशुद्ध जाँच या देखभाल व्यवस्था उपलब्ध है ।

    विश्व स्वास्थ्य अनुसंधान एवं विकास नीति मूल्यांकन कार्यक्रम केंद्र के अधीन विकास संस्था के परिणाम द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट- ‘‘वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान एवं विकास में भारत की भूमिका” -यह बताती है कि नई स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी का सृजन करने की दृष्टि से भारतीय प्रतिष्ठानों एव भारतीय जैव चिकित्सा पद्धति की समग्र क्षमता बाजार हेतु भी सीमित अभी है । कम बिकने वाले उत्पादो पर कार्य करने हेतु भारतीय प्रतिष्ठानों को सब्सिडी की आवश्यकता है । उदाहरणार्थ लीशमनियासिस या मियादी बुखार से संबंधित उत्पाद । साथ ही साथ कुछ उपेक्षित एवं बीमारियों के लिए उपयोगी उत्पादों का भी वर्ग है जिन्हें ये प्रतिष्ठान वाणिज्यिक उपयोग की से देखते हैं ।

   भारतीय प्रतिष्ठान तीन तरह से योगदान कर सकते हैं : मौजूदा उत्पादों को सस्ता एवं स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल बनाकरकुछ नए उत्पादों को बाजार में लाकर जिनके लिए तकनीकी व्यवधान ज्यादा न हों अन्तर्राष्ट्रीय उत्पाद विकास संबंधी पहलों के विशिष्ट पहलुओं में जहाँ उन्हे लागत का या अन्य कोई लाभ हासिल हो भागीदारी करके योगदान करने में सर्वथा सक्षम है ।

5. गद्यांश के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए

1.. नई स्वास्थ्य प्रौद्योगिकीजैसे सस्ती और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध दवाएँ टीके तथा जाँच मलेरिया तथा तपेदिक जैसे रोगों से लड़ने में भारत की मदद कर रहे हैं ।
2. कुछ भारतीय प्रतिष्ठानों को उन उत्पादों के विकास हेतु सब्सिडी की आवश्यकता है जो कम प्रचलित रोगों से लड़ सकें ।

उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं ।

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-61

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-61

लेखांशः प्रश्नों के लिए निर्देषनीचे दिए गए लेखांश को पड़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे। आपके उत्तर लेखांश पर ही आधारित होना चाहिए हमने बाजार और अर्थव्यवस्था में मासिक परिवर्तन का स्वागत किया है, भले कि आधि जनसंख्या या तो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है अथवा पूर्णतः कंगाल है। बड़ी कमी यह है कि हम सामाजिक और व्यक्तिगत नैतिकता में वैश्वीकरण द्वारा लाए गए आगामी परिवर्तन पर विचार करने से कतराते है, वह परिवर्तन जौ दैनिक जीवन में अधिक स्पष्ट है। अगर पैसा मानव मूल्य की प्रमुख कसौटी है, तो क्या पुराने समय और परिस्थितियों के सामाजिक नैतिकता को यह प्रतिस्थापित कर देगी। सामाजिक नैतिकता से मेरा तात्पर्य समाज की नैतिकता की समग्रता स है। वैश्वीकरण को अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बदलने में रूप में देखना खुद को धोखा देने के समान है।

1. निम्न में से लेखक का मुख्य उद्देश्य है

(a) वैश्वीकरण ने सामाजिक नैतिकता की आवश्यकता को समाप्त नहीं किया है।
(b) वैश्वीकरण ने देश में गरीबी बढ़ाने में योगदान दिया है।
(C) वैश्वीकरण के साथ सामाजिक नैतिकता को बदलने की आवश्यकता
(d) वैश्वीकरण और नैतिकता एक साथ कार्य नहीं कर सकते।

2. 'सामाजिक नैतिकता' से लेखक का तात्पर्य है

(a) एक नैतिक समाज कैसे उलंघन होता है।
(b) समाज में नैतिकता की आवश्यकता
(c) समाज में नैतिकता की समगता
(d) समाज में नैतिकता का संस्थापन

3. निम्न कथनो पर विचार करे

1. हम मौलिक परिवर्तनों का स्वागत है, जबकि आधे से अधिक जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे है।
2. वैश्वीकरण ने सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन लाया है।

नीचे दिए गए कुट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करे

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनो न
(d) न तो 1 नही 2

4. मानव की प्रमुख आवश्यकता क्या है

(a) पैसा
(b) विकास
(c) नैतिकता
(d) इनमें से कोई नहीं

5. निम्न कथनों पर विचार करे

1. वैश्वीकरण को पूरी तरह से बदलने का तात्पर्य है: अर्थव्यवस्था को बदलना
2. सामाजिक नैतिकता पूर्ण तरह से समाज की नैतिकता से सम्रगता है।

नीचे दिए गए कुट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करे?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनो
(d) न तो 1 नही 2

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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-60

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-60

लेखांशः प्रश्नों के लिए निर्देषः नीचे दिए गए लेखांश को पड़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर । आपके उत्तर लेखांश पर ही आधारित होना चाहिए।

  पश्चिमी प्रतिबंधजो एक समय में ‘लक्षितथे और अब व्यापक है, सामुहिम सजा के रूप में बदल रहे है। हमें बताया गया है कि उन्हें इस्लामिक सरकार पर परमाणु वार्ता में लौटने के लिए दबाव, डालने के लिए लाया गया। है। पश्चिमि नेताओं में भी यह विश्वास दिखाई देता है कि ईरानी लोगों को दंडित करने से वह अपने कष्टों के लिए अपनी सरकार को दोषी ठहरा सकते हैं, शासन के व्यवहार में परिवर्तन के लिए खुद से उस पर दबाव बना सकते है या खुद शासन में परिवर्तन ला सकते है। लेकिन जैस कि पुरानी
ब्रिटिश कहावत है, ईरान में अभाव का कष्ट ही यथास्थिति के बने रहने का कारण है।

   ईरान सरकार और वहां की जनता कभी भी अलगाववादी नहीं रहे है। लेकिन जैसे की प्रतिबंधों ने ईरानियों की आजीविक पर रोग लगा दी है, जो कि बाहरी संसार से व्यापार और संवाद को जारी रखना चाहते है, अपनी सरकारी की नीतियों के समम प्रश्न खड़ा करने और परिवर्तन के लिए आंदोलन करने की उनकी उर्जा में कमी आ रही है। इसका अर्थ है अमेरकी मूल्यों को प्रोत्साहित कराने और बुद्धि पर अधिकार करने के, यदि हृदय पर अधिकार संभव नहीं जिसे हम अमेरीकियों ने अतीत मे जीता था लेकिन अब उसे हराने के कगार पर है) के अवसरों की कमी।

1. लेखांश निर्दिष्ट करता है कि ईरान में अभाव का कष्ट, यथास्थिति के बने रहने का कारण है।” इसका क्या अर्थ है ?

1. ईरान में अभाव का कष्ट सरकार के शासन का परिणाम है।
2. ईरान में अभाव का कष्ट शासन के व्यवहार में परिवर्तन के लिए दबाव बनाने की इच्छा में वृद्धि करता है।

नीचे दिए गए कुट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करे

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनो
(d) न तो 1 नही 2

2. निम्न कथनो पर विचार करे

1. पश्चिमी प्रतिबंधों को प्रभावी होने के लिए लक्षित होने की आवश्यकता है।
2. पश्चिमी प्रतिबंधों को अमरीकी मूल्यों को प्रोत्साहित देने के लिए लक्षित किया गया है।

नीचे दिए गए कुट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करे

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनो
(d) न तो 1 नही 2

3. लेखक के अनुसार

1. शासन में परिवर्तन ईरान को परमाणु वार्ता के लिए वापस ला सकेगा।
2. प्रतिबंधों ने ईरानियों को अमेरीका का कम समर्थक बना दिया है।

नीचे दिए गए कुट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करे

(a) कवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनो
(d) न तो 1 नही 2

4. लेखांश में किस देश का वर्णन है-

(a) ईरान
(b) सिरिया
(c) ईराक
(d) इनमें से कोई नहीं

5. निम्न कथनों पर विचार करे

1. ईरानियों ने अपने दुख के लिए अपनी खुद की सरकार को दोष देना आरंभ कर दिया है।
2. ईरान सरकार और वहां की जनता कभी भी अलगाववादी नहीं रहे है।

नीचे दिए गए कुट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करे

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनो
(d) न तो 1 नही 2

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(Free E-book) Weekly Current Affairs Update for IAS Exam VOL-220


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VOL. - 220 (19 February 2018 to 25 February 2018)


Covered Topics:

  • National

  • International

  • Business And Economy

  • Science and Technology

  • Important Article From Various Newspapers

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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-59

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-59

नीचे दिए गए प्रश्नों में एक कथन साथ दो संभावनाएं भी दी गयी है (1&2) आपको कयन तथा संभावनाओ को पढ़कर यह बताना है कि कौन सी संभावना कथन के हिसाब से शंकाहीन है ।

दिए गए उत्तर

1.  कथनः सरकार द्वारा वेतन वृद्धि को अगले साल के लिए टाल देने पर सभी विद्यालयों के अध्यापको ने हड़ताल कर दी है।

1. सरकार सभी हड़ताली शिक्षको को निलंबित कर सकती है।
2. सरकार कॉलेज शिक्षकों का वेतन वर्तमान सत्र से ही बढ़ा सकती है।

2 . कथन : शादी में खाना खाने के बाद कई लोगो की तबियत बिगड़ गयी और वे पास के सरकारी और निजी अस्पतालो में ले जाए गए।

संभावनाः

1. प्रभावित लोगों के परिजन उन्हे सरकारी अस्पताल ले जाने से मना कर सकते है।
2. ग्रामीण इलाको के लोग इस तरह के निर्णय का स्वागत करेंगे।

3. कथनः मुख्य त्योहार के दिन नगर प्रशासन ने मंदिर के चारो ओर के ट्रेफिक को रोक दिया

संभावनाः

1. मुख्य त्योहार के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिए आएगे
2. यदि लोगों के पास कोई जरूरी काम नहीं होगा तो लोग मंदिर के पास के क्षेत्र में उस दिन जाने से बचेंगे।

4.  कथन : मुख्य त्योहार के दिन नगर प्रशासन ने मंदिर के चारो ओर के ट्रैफिक को रोक दिया

संभावनाः

1. मुख्य त्योहार के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिए आएगे
2. यदि लोगो के पास कोई जरूरी काम नहीं होगा तो लोग मंदिर के पास के क्षेत्र में उस दिन जाने से बचेंगे।

5. कयनः सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूल को निर्देश दिया है कि वे वर्तमान स्कूल फीस को अगले दो साल तक यथास्थिति रूप से बनाए रखे

संभावनाः

1.प्राइवेट स्कूल सरकार का निर्देश नहीं मान सकती है क्योंकि वे सरकारी फंड पर निर्भर होती है।
2. प्राइवेट स्कूलो में पढ़ने बच्चो के अभिभावक अभी भी बढ़ी फीस देने के उत्सुक है।

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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-58

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-58

निर्देशः P,Q,RS,T,V,W एवं Z आठ दोस्त तीन विभिन्न इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ते थे।A,B, एवं C मैकेनिकल , इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक शाखा में ये किसी कालेज में दो से कम और तीन से ज्यादा नहीं थे। इन तीन शाखाओ के अतिरक्ति अन्य किसी में कोई नहीं पढ़ता था। कालेज में W इलेक्ट्रिकल पढ़ता था। P और Z कॉलेज G में नहीं पढ़ते थे लेकिन एक ही शाखा में थे जो कि इलेक्ट्रिकल नहीं थी। R कॉलेज G में मैकेनिकल पड़ता थाIV भी उसी कॉलेज में पढ़ता था जहाँ R पढ़ता था। २ इलेक्ट्रानिक नहीं
पढ़ता था।

1. किस शाखा में पढ़ता था?

(a) इलेक्ट्रिकल
(b) मैकेनिकल
(C) इलेक्ट्रानिक्स
(d) निर्धारित नही किया जासकताहै

2.निम्नांकित में से किस कॉलेज में कम से कम एक विद्यार्थी मैकेनिकल पड़ता है?

(a) केवल A
(b) केवल B
(c) केवल c
(d) A,B एवं C तीनो

3.किस कॉलेज में पढ़ता है?

(a) A
(b) B
(c) A या 8,
(d) आकड़ा अपर्याप्त

निर्देश: A,B,C,D,E,F,G आठ व्यक्ति तीन विभाग व्यापार वित्त एवं उत्पादन से जुड़े थे कम से कम किसी एक विभाग में थे। सबके पास अलगअलग टी.वी चैनल स्टार, जी,ईएसपीएनडी.डी, सोनी एन डी टी वी आज तक ब बी सी था (क्रमानुसार नही) Dई एस पी एन पसंद करता था । और केवल G के साथ उत्पादन से जुड़ा था। B एवं F एक समान विभाग में कार्य नहीं करते थे। H, डी डी पसंद करता था और व्यापार विभाग में काम नहीं करता था EG के साथ काम करता था और स्टार पसंद करता था। B आज तक पसंद करता था लेकिन उसके विभाग के अन्य सहयोगी न तो सोनी पसंद करते थे न ही एन.डी.टी.वी।, जी पसंद करता था , F सोनी नहीं पसंद करता था।

4. A  कौन सा चैनल नहीं पसंद करता था
(a) डी डी
(b) एन डी टीवी
(c) बी बी सी
(d) जी

नीचे दिए गए प्रश्नों में एक कथन साथ दो संभावनाएं भी दी गयी है (1&2) आपको कयन तथा संभावनाओ को पढ़कर यह बताना है कि कौन सी संभावना कथन के हिसाब से शंकाहीन है । दिए गए उत्तर

(a) यदि केवल संभावनाः 1 शंकाहीन हो
(b) यदि केवल संभावनाः 2 शंकाहीन हो
(c) न तो तर्क 1 शंकाहीन न ही 2 शंकाहीन
(d) दोनो शंकाहीन है।

5. कथन : सरकार विदेशी मेहमानी के आगमन के समय एक स्थान पर

50 व्यक्तियों के इकटठा होने पर प्रतिंबध लगाया है

संभावना:

1. विदेशी मेहमानों के आगमन के समय लोग एक स्थान पर इकट्ठा होने से बचेगे
2. अनेक लोग विदेशी मेहमानो को देखने के लिए आदेश की अपहेलना कर सकते है।

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Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-57

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-57

निर्देश : आठ मित्र A,B,C,D,E F,G एवं H  एक गोल घेरे केन्द्र की ओर मुंह करके बैठे थे।

1. B,G के D के बीच में था।
2 H,8 के बाँए से तीसरा एवं A के बाँए से दूसरा था
3. c,A एव G के मध्य में था तथा 3 एवं E एक दूसरे के विपरीत नहीं बैठे थे।

1. D के बाँए से तीसरा कौन था?

(a) A
(b) E
(b) F
(d) निर्धारित नही कर सकता

2. निम्नांकित में से कौन से कथन सही नहीं है

(a) C,D के दाहिने से तीसरा है।
(b) A,C एवं F एक दूसरे के विपरीत बैठे है।
(c) D एवं A एक दूसरे के विपरीत बैठे है
(d) E,F एवं D के मध्य में है।

3. आठ लोगो का एक ग्रुप एक घेरे में बैठा है।

1. D,A के F के बीच में तथा 5 के विपरीत है।
2. E,A के दाहिने लेकिन cके बाँए नहीं है C,G का दाहिने हाथ का पड़ोसी है।

3. B.H बाएं एवं F के दाहिने है।
4. E,F एवं D के मध्य में है कौन सा सदस्य काणीय रूप से A के विपरीत है।

(a) B
(b) F
(c) G
(d) H

निर्देशः P,Q,RS,T,V,W एवं Z आठ दोस्त तीन विभिन्न इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ते थे।A,B, एवं C मैकेनिकल , इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक शाखा में ये किसी कालेज में दो से कम और तीन से ज्यादा नहीं थे। इन तीन शाखाओ के अतिरक्ति अन्य किसी में कोई नहीं पढ़ता था। कालेज में W इलेक्ट्रिकल पढ़ता था। P और Z कॉलेज G में नहीं पढ़ते थे लेकिन एक ही शाखा में थे जो कि इलेक्ट्रिकल नहीं थी। R कॉलेज G में मैकेनिकल पड़ता थाIV भी उसी कॉलेज में पढ़ता था जहाँ R पढ़ता था। २ इलेक्ट्रानिक नहीं
पढ़ता था।

4.निम्नांकित में से कॉलेज एवं विद्यार्थियो का कौन सा जोड़ा सही है।

(a) C-R इलेक्ट्रानिक्स
(b) A,Z इलेक्ट्रिकल
(०) B,W इलेक्ट्रानिक्स
(d) B-W इलेक्ट्रिकल

5.निम्नांकित में से किस कॉलेज में दो विद्यार्थी इलेक्ट्रिकल पढ़ते थे

(a) केवल A
(b) केवल B
(c) केवल C
(d) निर्धारित नहीं किया जा सकताहै।

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