संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा
(Download) UPSC IAS Mains Exam Paper - 2017 : राजनीती विज्ञान और
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध (Paper - 2)
राजनीती विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध
(प्रश्न पत्र - II)
निर्धारित समय : तीन घंटे
अधिकतम अंक : 250
प्रश्न-पत्र सम्बन्धी विशेष अनुदेश
कृपया प्रश्नों के उत्तर देने से पूर्व निम्नलिखित प्रत्येक अनुदेश को
ध्यानपूर्वक पढ़े :
इसमें आठ (8) प्रश्न हैं जो दो खण्डों में विभाजित हैं तथा
हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों में छपे हैं ।
परीक्षार्थी को कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
प्रश्न संख्या 1 और 5 अनिवार्य हैं तथा बाकी में प्रत्येक खण्ड से
कम-से-कम एक प्रश्न चुनकर किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए । प्रत्येक प्रश्न/भाग
के अंक उसके सामने दिए गए हैं ।
प्रश्नों के उत्तर उसी प्राधिकृत माध्यम में लिखे जाने चाहिए जिसका उल्लेख आपके
प्रवेश-पत्र में किया गया है, और इस माध्यम का स्पष्ट उल्लेख प्रश्न-सह-उत्तर (क्यू.सी.ए.)
पुस्तिका के मुख-पृष्ठ पर निर्दिष्ट स्थान पर किया जाना चाहिए । प्राधिकृत माध्यम
के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम में लिखे गए उत्तर पर कोई अंक नहीं मिलेंगे।
प्रश्नों में शब्द सीमा, जहाँ विनिर्दिष्ट है, का अनुसरण किया जाना चाहिए ।
जहाँ आवश्यक हो, आरेख / चित्र उत्तर के लिए दिए गए स्थान में ही दर्शाइए ।
प्रश्नों के उत्तरों की गणना क्रमानुसार की जाएगी । यदि काटा नहीं हो, तो प्रश्न
के उत्तर की गणना की जाएगी चाहे वह उत्तर अंशतः दिया गया हो । प्रश्न-सह-उत्तर
पुस्तिका में खाली छोड़ा हुआ पृष्ठ या उसके अंश को स्पष्ट रूप से काटा जाना चाहिए ।
खण्ड - A
Q1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
(a) तुलनात्मक राजनीति के क्षेत्र में राजनीतिक-समाजशास्त्रीय उपागम को स्पष्ट
कीजिए एवं उसकी सीमाओं की विवेचना कीजिए।
(b) पाश्चात्य जगत् के परिप्रेक्ष्यों से, गत 25 वर्षों में हुए वैश्वीकरण का
समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) विकसित समाजों में एल० जी० बी० टी० (समलिंगी, उभयलिंगी तथा विपरीतलिंगी) आंदोलन
का परीक्षण कीजिए और विकासशील समाजों में राजनीतिक सहभागिता को यह किस प्रकार से
प्रभावित कर रहा है इसका परीक्षण कीजिए।
(d) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाफ्टा' से पृथक् होने के प्रस्ताव के
फलस्वरूप विश्व राजनीति के प्रादेशिकीकरण पर अनपेक्षित परिणाम होंगे। सविस्तार
स्पष्ट कीजिए।
(e) समकालीन वैश्विक मुद्दों की नारी अधिकारवादी समालोचना का एक आकलन प्रस्तुत
कीजिए।
Q2. (a) क्या यथार्थवादी उपागम अन्तर्राष्ट्रीय संबंधों को समझने की
सर्वोत्तम विधि है? क्लासिकी यथार्थवाद के परिप्रेक्ष्य में इसका परीक्षण कीजिए।
(b) वैश्विक पूँजीवाद के विकास ने समाजवादी अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील समाजों की
प्रकृति को किस प्रकार परिवर्तित किया है?
(c) पारराष्ट्रीय कर्ताओं के संदर्भ में, आधुनिक राज्य की बदलती हुई प्रकृति का
विवेचन कीजिए।
Q3. (a) “उत्तर कोरिया द्वारा विकसित उन्नत मिसाइल प्रौद्योगिकी एवं
नाभिकीय धमकी ने दक्षिण-पूर्व एशिया में अमेरिकी प्राधान्य को चुनौती दी है। इस
प्रदेश में हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में, उपरोक्त कथन का मूल्यांकन कीजिए।
(b) क्या आप इस मत का समर्थन करते हैं कि द्वि-ध्रुवीयता की समाप्ति एवं अनेक
प्रादेशिक संगठनों के उदय ने गुट-निरपेक्ष आंदोलन (नाम) को कमोबेश अप्रासंगिक बना
दिया है?
(c) क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रकार्यण में
परिसीमाओं के बावजूद, इसे प्रतिष्ठित एवं अद्वितीय उपलब्धियों का श्रेय प्राप्त है?
Q4. (a) पेरिस पर्यावरण संधि से हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के अलग
हो जाने की कार्रवाई से विश्व पर्यावरण का संरक्षण करने पर प्राप्त मतैक्य को ठेस
लगी है। इस संदर्भ में, पर्यावरण नियंत्रण की भविष्यत्कालिक संभावनाओं का आकलन
कीजिए।
(b) यूरोपीय संघ के द्वारा प्रारंभ किए गए प्रादेशिकीकरण प्रक्रम को ‘ब्रेक्सिट ने
किस प्रकार प्रभावित किया है, तथा विश्व राजनीति के प्रादेशिकीकरण प्रक्रम पर इसके
क्या संभावित परिणाम हो सकते हैं?
(c) इमानुएल वालरस्टीन के द्वारा विकसित विश्व व्यवस्था उपागम का परीक्षण कीजिए।
खण्ड-B
Q5. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
(a) भारत की विदेश नीति के निर्धारक तत्त्वों के रूप में, भारतीय राष्ट्रीय
आंदोलन एवं भारत की भौगोलिक अवस्थिति का परीक्षण कीजिए।
(b) दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) के विकास में कौन-सी बाधाएँ हैं?
(c) “भारत और भूटान के मध्य चिरस्थायी शांति और मित्रता की संधि को और अधिक
व्यावहारिक, यथार्थवादी बाध्यताओं एवं उत्तरदायित्वों सहित संशोधित करने की आवश्यकता
है।' टिप्पणी कीजिए।
(d) “विश्वभर में संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षकों को योगदान देने में भारत सबसे बड़ा
और अटल देश रहा है।'' इस परिप्रेक्ष्य में भारत की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
(e) क्या हाल के भारत-इज़राइल संबंधों ने फिलिस्तीन के राज्यत्व पर भारत के रुख को
नई गत्यात्मकता प्रदान की है?
Q6. (a) उपायों को सुझाइए ताकि अफ्रीका के साथ भारत की साझेदारी,
दक्षिण-दक्षिण सहयोग का एक सत्य प्रतीक बन जाय, और दोनों पक्षों को स्पष्ट रूप से
आर्थिक एवं राजनीतिक लाभांश प्राप्त हो।
(b) “विभिन्न मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के मध्य मतभेदों के बावजूद, सिंधु जल
संधि समय की परीक्षा में खरी उतरी है।'' इस कथन के प्रकाश में, इस मुद्दे पर हाल के
घटनाक्रमों का विवेचन कीजिए।
(c) विकसित और विकासशील देशों के बीच मतभेदों के चलते ‘विश्व व्यापार संगठन'
वार्ताओं के दोहा दौर की अवरुद्ध प्रगति का विश्लेषण कीजिए।
Q7. (a) चीन की ‘मेखला और सड़क पहल' किस प्रकार भारत-चीन संबंधों को
प्रभावित करने वाली है?
(b) भारत और रूस के बीच हाल के मतभेद तथ्यों के बजाय मिथ्या-धारणाओं के फलस्वरूप
हैं। सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
(c) “मतैक्य के लिए मिलकर काम करना', जिसको ‘कॉफी क्लब' के नाम से भी जाना जाता है,
ने भारत एवं अन्य देशों के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता के
दावों का विरोध किया है। उनकी प्रमुख आपत्तियों को इंगित कीजिए।
Q8. (a) संभव है कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वाभाविक व्यवहार
एक-दूसरे के हितों की पूर्ति करें। अतैव उनके प्रयासों का समन्वय करने की सोची-समझी
रणनीति स्पष्ट रूप से दोनों को लाभ पहुँचाएगी। सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
(b) क्या आप इस विचार को मानते हैं कि नई विकसित होती हुई एशियाई गत्यात्मकता में
जापान एवं भारत न केवल आर्थिक सहयोग में, अपितु सामरिक साझेदारी में भी नजदीक आ गए
हैं?
(c) परमाणु अप्रसार संधि (एन० पी० टी०) वैश्विक नाभिकीय निरस्त्रीकरण के अंतिम
उद्देश्य की प्राप्ति में असफल रही है। परमाणु अप्रसार संधि के प्रावधान में कमियों
का विवेचन कीजिए।