संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2016 इतिहास (Paper-1)
खण्ड ‘A’
1. आपको दिए गए मानचित्र पर अंकित निम्न स्थानों की पहचान कीजिए एवं अपनी प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में उनमें से प्रत्येक पर लगभग 30 शब्दों की संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। मानचित्र पर अंकित प्रत्येक स्थान के लिए स्थान-निर्धारण संकेत क्रमानुसार नीचे दिए गए हैं :
(i) एक मध्यपाषाणकालीन स्थल
(ii) एक नवपाषाणकालीन स्थल
(iii) एक महापाषाण-ताम्रपाषाणकालीन स्थल
(iv) एक नवपाषाणकालीन स्थल
(v) एक नवपाषाणकालीन स्थल
(vi) एक महापाषाणकालीन स्थल
(vii) बौद्ध पुरावशेषों के लिए ज्ञात एक स्थल
(vii) एक हड़प्पाकालीन स्थल
(ix) एक हड़प्पाकालीन स्थल
(x) एक हड़प्पाकालीन स्थल
(xi) एक नवपाषाणकालीन स्थल
(xii) एक हड़प्पाकालीन स्थल
(xiii) एक राजधानी
(xiv) एक शैलकृत गुहा स्थल
(xv) एक परवर्ती हड़प्पाकालीन स्थल
(xvi) एक शिक्षा केन्द्र
(xvii) एक मृण-कला केन्द्र
(xviii) एक बंदरगाह
(xix) एक राजधानी
(xx) एक राजधानी
INDIA
WITH AFGHANISTAN, BANGLADESH, BHUTAN, NEPAL,
MYANMAR (BURMA), PAKISTAN AND SRI LANKA
2. (a) भारत में नवपाषाणकाल की प्रादेशिक विशिष्टताओं की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए और उनका कारण भी बताइए।
(b) समझाइए कि क्या कारण है कि अधिकांश ज्ञात हड़प्पाकालीन बस्तियाँ लवणीय भू-जल वाले अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में अवस्थित हैं।
(c) पूर्व वैदिक समाज के समतावादी स्वरूप में, उत्तर वैदिककाल के दौरान किस प्रकार से परिवर्तन हुए थे?
3.(a) लगभग सातवीं शताब्दी ई० पू० से तीसरी शताब्दी ई० पू० तक आर्थिक संवृद्धि, नगरीकरण एवं राज्य गठन के बीच सम्बन्धों का परीक्षण कीजिए।
(b) कुषाणों एवं सातवाहनों के आर्थिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण को समकालीन मौद्रिक साक्ष्य किस प्रकार प्रतिबिम्बित करता है?
(c) “कुषाणकाल से पूर्व मध्यकाल तक कला के क्षेत्र में हुए परिवर्तन, केवल परिवर्तनशील दृष्टिकोण के प्रतिबिम्ब हैं।" टिप्पणी कीजिए।
4. (a) प्राचीन भारत में भू-राजस्व प्रणाली के सिद्धान्त और व्यवहार का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
(b) “अभिलेखों में प्रशस्तित राजाओं द्वारा वर्णाश्रम व्यवस्था के परिरक्षण के प्रचुर उल्लेख स्मृति परम्परा का प्रतिबिम्ब मात्र हैं।" विवेचना कीजिए।
(c) वित्तीय संस्थानों के रूप में दक्षिण भारतीय मन्दिरों का पूर्व मध्यकालीन सामाजिक संस्थाओं पर किस प्रकार गहरा प्रभाव पड़ा? समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
खण्ड "B"
5. (a) 'तबक़ात-ए-नासिरी' की विषयवस्तु का मध्यकालीन इतिहास के स्रोत के रूप में मूल्यांकन कीजिए।
(b) चोल शासक परान्तक प्रथम के उत्तरमेरुर अभिलेखों के महत्त्व का विश्लेषण कीजिए।
(c) ज़ाइन-उल-अबिदीन के शासनकाल के जोनराज के वृत्तान्त का मूल्यांकन कीजिए।
(d) अलबेरुनी द्वारा किए गए भारतीय समाज के वृत्तान्त की सत्यवादिता पर टिप्पणी कीजिए।
(e) जहाँगीर के शासन के दौरान मुगल चित्रकारी के विकास की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
6. (a) पूर्व मध्यकालीन भारत के अस्थायी स्वरूप के संघटकों को स्पष्ट कीजिए। .
(b) दिल्ली सल्तनत के सुदृढ़ीकरण के लिए सुल्तानों ने किन-किन उपायों की पहल की थी? विवेचना कीजिए।
(c) मुगल विदेश नीति की व्यापक रूपरेखाओं की और मुगल साम्राज्य पर उनके प्रभावों की पहचान कीजिए।
7. (a) “शंकर के अद्वैत सिद्धान्त ने भक्तिवाद की जड़ों को ही काट दिया।" क्या आप इससे सहमत हैं?
(b) क्या आपके विचार में सल्तनत शासकों द्वारा चालू किए गए आर्थिक उपाय सामान्य जनमानस के लिए भी लाभदायक थे? उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट कीजिए।
(c) फिरोजशाह बहमनी और महमूद गवाँ के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
8. (a) क्या आपके विचार में 17वीं शताब्दी के कृषि-भूमि संबंधी संकट के फलस्वरूप मुगल साम्राज्य का विघटन हुआ था? विवेचना कीजिए।
(b) क्या मुगल साम्राज्य के कमजोर हो जाने या क्षेत्रीय शक्तियों के उदय हो जाने के फलस्वरूप अंग्रेजों को भारत की विजय प्राप्त हुई थी? विवेचना कीजिए।
(c) क्या यह सत्य है कि राजदरबार की षड्यंत्रकारी गतिविधियों और कमजोर लगान व्यवस्था की वजह से मराठा साम्राज्य का विघटन हुआ था? टिप्पणी कीजिए।
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